टिहरी (नेटवर्क 10 संवाददाता ): लॉकडाउन का फायदा उठा कर टिहरी झील के किनारे प्रतिबंधित एरिया से लगातार खनन माफिया द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है, जिसकी सूचना पूर्व में कई बार ग्रामीणों के द्वारा प्रशासन को दी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन कि ओर से अब तक खनन माफिया पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, इसी को देखते हुए अब ग्रामीणों ने प्रशासन पर खनन माफिया के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है.
वहीं, इस पर ग्रामीणों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि झील किनारे लॉकडाउन के समय से अवैध खनन किया जा रहा है, जिसकी सूचना पूर्व में ही ग्रामीणों के द्वारा प्रशासन को दी गई है, लेकिन प्रशासन के अधिकारी मौके पर तो आए पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीणों प्रशासन पर ठेकेदार के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि अभी तक कई ट्रक पत्थर यहां से जा चुके हैं, जिससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है.
ग्रामीणों ने बताया कि जब गांव के ग्रामीण खनन व चुगान के लिए फाइल लगाते हैं, तो उनको नियम कानून का हवाला देकर किनारे कर दिया जाता हैं, लेकिन जब खनन माफिया बिना अनुमति लिए और खनन नीतियों को ताक पर रख कर खुलेआम खनन करते है तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं कि जाती है. आश्चर्य की बात तो ये है कि जहां पर खुलेआम खनन किया जा रहा है, वहां से जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 30 किलोमीटर है फिर भी खनन माफिया के मन में जिला प्रशासन का कोई खौफ नहीं है.
ऐसे में ग्रामीणों ने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि खनन माफिया जिला प्रशासन के साथ मिलकर खुलेआम खनन करने में लगे हैं, इसलिए अभी तक अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.