उधमसिंहनगर। उत्तराखंड के उधमसिंहनगर में किच्छा में यूपी और अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को बिना कोरोना जांच किये ही नेगेटिव बताकर प्रदेश में प्रवेश देने का खुलासा हुआ है। बॉर्डर पर जांच करने वाली निजी लैबकर्मी यात्रियों के सैंपल लेने के बाद स्वैब स्टिक डस्टबिन में फेंक रहे थे, जबकि रजिस्टर में नेगेटिव रिपोर्ट दर्ज की जा रही थी। कंपनी पिछले छह दिन से पुलभट्टा में जांच कर रही है, इसके अलावा यही कंपनी जिले के अन्य बॉर्डरों पर भी जांच कर रही है। ऐसे में आशंका है कि इसी तरह जिलेभर से हजारों लोगों को कुमाऊं में बिना जांच प्रवेश दिया जा रहा है। मामले में पुलिस ने जांच टीम के आठ सदस्यों को हिरासत में लिया है। देर शाम तक मुकदमा दर्ज करने की तैयारी थी। उत्तराखंड में यूपी और अन्य राज्यों से लगी सीमाओं पर कोरोना जांच के लिये स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैब से अनुबंध किया है। इसके तहत बाहर से आने वाले हर यात्री की रैपिड एंटीजन जांच अनिवार्य है। 27 मई से किच्छा के पुलभट्टा बॉर्डर समेत जिले की कुछ सीमाओं पर एक निजी कंपनी यह जिम्मेदारी निभा रही है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली कि पुलभट्टा बॉर्डर पर यात्रियों के सैंपल तो लिये जा रहे हैं, लेकिन सैंपल लेने में इस्तेमाल होने वाली स्वैब स्टिक (नाक में डाली जाने वाली डंडी) को जांच करने के बजाय डस्टबिन में फेंक दिया जा रहा है। इसके बाद यात्रियों को नेगेटिव बताकर रजिस्टर में एंट्री की जा रही है और लोगों को उत्तराखंड में सीधे प्रवेश दे दिया जा रहा है। जानकारी मिलते ही एसडीएम नरेश दुर्गापाल, सीएमओ डॉ. डीएस पंचपाल, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. एचसी त्रिपाठी एवं पुलभट्टा थाना इंचार्ज विनोद जोशी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। मौके पर दस्तावेजों की जांच से साफ हुआ कि कंपनीकर्मियों ने रजिस्टर में कुल 103 जांच दिखायी थी, जबकि मानक के अनुरूप सिर्फ छह जांच की गयी थीं। इस पर पुलिस ने कोरोना जांच टीम के आठ सदस्यों को हिरासत में ले लिया। पुलिस मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है।
पुलभट्टा बॉर्डर पर यात्रियों की बिना जांच किये रजिस्टर में नेगेटिव दिखाने की शिकायत मिली थी। मौके पर शुरुआती जांच में यह बात सही पायी गयी। उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दी जा रही है। -डॉ. डीएस पंचपाल, सीएमओ, ऊधमसिंह नगर