उत्तराखंड रेशम विभाग अब जैविक खेती के जरिये बढ़ाएगा किसानों की आमदनी

हल्द्वानी: उत्तराखंड रेशम विभाग अब अपने कृषकों को रेशम उत्पादन के साथ-साथ जैविक खेती से भी जोड़ने का काम रहा है. जिससे उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके और किसानों की आय में भी इजाफा हो सके. रेशम विभाग ने कुमाऊं मंडल ने 1,571 किसानों को चयन किया है जो रेशम उत्पादन के साथ-साथ जैविक खेती का काम कर रहे हैं. यही नहीं किसानों के जैविक उत्पाद को मार्केट देने का काम भी रेशम विभाग कर रहा है.

अपर निदेशक रेशम विभाग हेमचंद्र ने बताया कि परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत प्रदेश के किसानों को जैविक खेती से जोड़े जाने का काम चल रहा है. अभी तक कुमाऊं मंडल के 4 जनपदों में 1,571 किसानों को जोड़ा गया है, जो जैविक खेती खेती का काम कर रहे हैं. रेशम विभाग द्वारा इन सभी किसानों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है. जैविक खेती के लिए अनुदान और बीज-खाद की व्यवस्था विभाग द्वारा की जा रही है. इसके अलावा किसानों के उत्पाद को बिक्री के लिए रेशम विभाग ने उत्तराखंड ऑर्गेनिक नाम से फेसबुक पेज तैयार किया है. जिसके माध्यम से सभी किसानों को जोड़ा गया है और किसान फेसबुक पेज के माध्यम से अपने उत्पाद को बेच सकेंगे.

फेसबुक पेज के माध्यम से किसानों के कॉन्टेक्ट नंबर से लोग संपर्क कर ऑर्गेनिक उत्पाद किसानों के खेत से खरीद सकेंगे. उन्होंने बताया कि अभी तक 38 समूह के माध्यम से 760 हेक्टेयर में ऑर्गेनिक खेती का काम चल रहा है. ऑर्गेनिक खेती की पूरी निगरानी विभाग और सरकार द्वारा निर्धारित एनजीओ के माध्यम से की जा रही है. साथ ही किसानों को ऑर्गेनिक खेती का सर्टिफिकेट भी निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. उधमसिंह नगर से 406 किसान, नैनीताल जनपद से 415 किसान, अल्मोड़ा से 250 किसान जबकि पिथौरागढ़ जनपद से 500 किसान ऑर्गेनिक खेती शुरू कर चुके हैं.

निदेशक ने बताया कि सरकार की इस योजना को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाया जा सके इसको लेकर रेशम विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई जा रही है कि रेशम उत्पादन के साथ ऑर्गेनिक खेती से उत्तराखंड के किसान जुड़ेंगे. जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके.

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