- ताश के पत्ते की तरह ढहा घर
- सड़क में पार्क किए गए वाहन भी मलबे में दब गए
- मल्ली बाजार, ग्वाल गांव और खोतीला में सड़कों जमा हुआ मलबा
- भारी बारिश के चलते काली नदी का जल स्तर बढ़ा
पिथौरागढ़: उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश का रौद्र रूप देखने को मिला है। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ और भारत-नेपाल सीमा से सटे धारचूला इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। शुक्रवार की रात हुई मूसलाधार बारिश ने तल्ला खोतिला गांव और धारचूला बाजार में तबाही मचाई है। सड़क में पार्क किए गए वाहन भी मलबे में दब गए हैं। मल्ली बाजार, ग्वाल गांव और खोतीला में सड़कों पर मलबा जमा हो गया है। खोतिला गांव में नदी से सटे घरों में जलभराव हो गया और 30 घर क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें एक महिला की मौत हो गई। बादल फटने से नेपाल में मकानों के ध्वस्त होने और कई लोगों के लापता होने की सूचना है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पिछले दिनों एलधार नामक स्थान पर हुए भूस्खलन के बाद से खतरा बना हुआ था। तब भूस्खलन के साथ बोल्डर गिरने से चार मकान ध्वस्त हो गए थे। इस स्थान पर जिनके मकान हैं वह लोग अभी भी अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। शुक्रवार की रात एक बार फिर मलबा आने से लोग असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। भारी बारिश के कारण काली नदी का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है। तटबंध के ऊपर नदी बहने लगी है। भारत और नेपाल को बांटने वाली काली नदी भी उफान पर है। जिस कारण नदी किनारे रहने वालों पर खतरा मंडराया हुआ है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वालों के लिए चेतावनी जारी की है।