उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटाला में परीक्षा के टॉपर को गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रयागराज के सोरावं थाना क्षेत्र से टॉपर को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में 50 से अधिक अभ्यर्थियों की तलाश पुलिस कर रही है. जानकारी के मुताबिक, अभ्यर्थी 8 से 10 लाख रुपए देकर पास हुए हैं. प्रयागराज के दर्जनों सेंटरों पर हुई परीक्षा पूरी तरह से रद्द हो सकती है. दरअसल, एक खबर आई थी कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में 150 में से 142 नंबर पाने धर्मेंद्र कुमार पटेल को देश के राष्ट्रपति का नाम तक नहीं पता है. धर्मेंद्र जनरल नॉलेज के आसान सवालों के भी जवाब नहीं दे सके.
कैसे हुआ पूरा खुलासा
इस मामले में एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने 5 जून को बताया था कि प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह ने सोरांव थाने में पूर्व जिला पंचायत डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि 69000 सहायक शिक्षा भर्ती में आरोपियों ने परीक्षा पास कराने के लिए 7.50 लाख कैश दिया था. एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के मुताबिक, एक जून को रिजल्ट आया तो पता चला कि राहुल का नाम उसमें नहीं है. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई थी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आठ नामजद आरोपियों में 7 को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. उनके पास से 756000 नकद और अन्य डाक्यूमेंट्स मिले थे.
कांग्रेस ने बताया था व्यापम घोटाला
इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापम घोटाला है. इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं. डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना. ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं.