देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुर्सी संभालने के बाद पहली ही कैबिनेट में उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर उप समिति बनाने का निर्णय लिया। लिहाजा, इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता को समझा जा सकता है।
बता दें कि प्रदेश में मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई गई है। जिसमें मंत्री हरक सिंह रावत, गणेश जोशी और धन सिंह रावत हैं। कैबिनेट ने जल्द उपनल कर्मियों से जुड़ी समिति की रिपोर्ट कैबिनेट में रखने के लिए निर्देश हैं। कैबिनेट की बैठक में हरक सिंह रावत ने जिस तरह इस मामले को उठाया है। उसके बाद निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द इस रिपोर्ट को पेश किया जाए। लिहाजा, उम्मीद की जा रही है कि अगली कैबिनेट बैठक में अब उपनल कर्मियों से जुड़ी उप समिति की रिपोर्ट को रखा जाएगा। गौर हो कि उपसमिति ने 22 हजार उपनल कर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी किए जाने की सहमति दी थी।
-22 हजार उपनलकर्मियों की कमेटी की रिपोर्ट लटकी
प्रदेश में 22 हजार उपनल कर्मचारियों के वेतन, उनकी सेवा से जुड़े मसलों को लेकर मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में आना है। लेकिन, अधिकारियों के चलर व्यवस्था के चलते कैबिनेट की बैठकों में रिपोर्ट नहीं आ पा रही है।
-समिति में प्रस्तावित मानदेय
सूत्रों की मानें तो उप समिति ने उपनल के जरिए कार्यरत संविदा कर्मियों को उनकी श्रेणी के अनुसार मानदेय वृद्धि की सिफारिश की है। इसके तहत अकुशल श्रमिकों को न्यूनतम 15 हजार, अर्द्धकुशल को न्यूनतम 19 हजार, कुशल को न्यूनतम 22 हजार और अधिकारी वर्ग को 40 हजार मानदेय देना प्रस्तावित किया गया है। यह प्रस्ताव अब मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा।