लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की कड़ी नजर, सैकड़ों मुकदमे दर्ज

लखनऊ (नेटवर्क 10 संवाददाता):  लॉकडाउन के दौरान यूपी पुलिस बेहद मुस्तैद है। खासकर सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ये सब इसलिए ताकि समाज में कोई अफवाह या गलत अथवा भ्रामक सूचना या जानकारी न फैले। इसको लेकर पुलिस मुस्तैद है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। अब तक ऐसे सैकड़ों केस दर्ज हो चुके हैं।

आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान  घरों में कैद परिवार अपने मनोरंजन और सूचनाओं की जानकारी अथवा आदान प्रदान के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में  शरारती तत्व भ्रामक और आपत्तिजनक संदेशों के जरिए सांप्रदायिक खाई खोदने की साजिश भी कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ यूपी पुलिस लगातार निगाह रखे हुए है और कड़ी कार्रवाई कर रही है।

एक ओर कोरोना की जंग के योद्धाओं की सराहना के संदेश मनोबल बढ़ाने वाले हैं। कई चुटकीले मैसेज बड़ों से लेकर बच्चों तक को गुदगुदा रहे हैं। तो दूसरी ओर आपत्तिजनक संदेशों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की कोशिशें भी जारी हैं, लेकिन ऐसी गड़बड़ी करने वालों पर पुलिस की पैनी निगाह भी है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे में आप सोशल मीडिया पर पूरी सावधानी से संदेशों का आदान प्रदान करिए। एक चूक भी आपको कानूनी शिकंजे में घेर सकती है।

उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल सोशल मीडिया पर वायरल संदेशों की मानीटरिंग कर रही है। कुछ खास शब्दों के जरिये भी वायरल संदेशों पर निगाह रखी जा रही है। 16 मार्च से सोशल मीडिया पर बढ़ाई गई निगरानी के बाद अब तक आपत्तिजनक पोस्टों के खिलाफ 578 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें 151 एफआइआर भ्रामक सूचना व अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ हैं, जबकि 310 मुकदमे सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश करने वालों के खिलाफ हैं।

इसी प्रकार अभद्र टिप्पणी और अन्य कारणों को लेकर 117 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। सोशल मीडिया सेल को लॉकडाउन से संबंधित 3993 ट्वीट भी मिले हैं। इनमें चिकित्सीय सहायता व दवा उपलब्ध करवाने के 262, भोजन उपलब्ध करवाने के 432, लॉकडाउन के उल्लंघन के 1459 ट्वीट व अन्य विषयों से जुड़े ट्वीट भी शामिल हैं।

 

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