डेस्क: 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप विनर टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। खबरों के मुताबिक अब वह अपनी बल्लेबाजी का जौहर अमेरिका में दिखाते हुए नजर आएंगे। उन्मुक्त चंद ने इंडिया अंडर-23 टीम का भी प्रतिनिधित्व किया था और उनकी पहचान एक बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज के तौर पर की जाती थी, लेकिन उनके ज्यादा अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया था। उन्होंने इंडिया ए का भी प्रतिनिधित्व कई मैचों में किया था। उन्मुक्त चंद के माता-पिता मूल रुप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं।
उन्मुक्त चंद ने अपने ट्विटर पर एक खास पत्र शेयर किया है जिसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भारत की तरफ से खेलने देने का मौका देने के लिए शुक्रिया कहा है। इसके अलावा दिल्ली क्रिकेट बोर्ड जहां से उन्होंने करियर की शुरुआत की थी उसका भी धन्यवाद कहा। ट्वीट करते हुए इस बात के संकेत दिए। उन्होंने ‘रुक जाना नहीं तू कहीं हार के’ गीत के साथ एक वीडियो क्लिप शेयर किया और लिखा कि, अब मेरी जिंदगी की अगली पारी यहां से शुरू होगी। दिल्ली के बल्लेबाज उन्मुक्त चंद ने घरेलू मुकाबलों में दिल्ली का प्रतिनधित्व किया था, लेकिन यहां पर ज्यादा सफल नहीं होने की वजह से बाद में उन्होंने अपना टीम भी बदल लिया था। उन्मुक्त चंद ने सबका ध्यान पहली बार अपनी तरफ तब खींचा था जब उनकी कप्तानी में भारतीय अंडर 19 टीम ने साल 2012 में वर्ल्ड कप खिताब जीता था। इस साल अंडर 19 वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 111 रन की पारी खेलकर टीम को विजेता बनाया था।
उन्होंने आइपीएल में अपना डेब्यू महज 18 साल 15 दिन की उम्र में ही किया था और उन्होंने कई टीमों जैसे कि, दिल्ली डेयरडेविल्स (कैपिटल्स), मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स का प्रतिनिधित्व किया था। दाएं हाथ के इस ओपनर बल्लेबाज ने अपने क्रिकेट करियर में 67 फर्ल्ट क्लास मैचों में 8 शतक के साथ 3379 रन बनाए थे जबकि 120 लिस्ट ए मैचों में 7 शतकों की मदद से 4505 रन बनाए थे। उन्होंने 77 टी20 मुकाबलों में 1565 रन बनाए थे और तीन शतक भी लगाए थे। टी20 मैचों में उनका बेस्ट स्कोर 125 रन जबकि फर्स्ट क्लास मैचों में 151 और लिस्ट ए मैचों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 127 रन था।