चंपावत: ऋषेश्वर मंदिर में धर्मशाला निर्माण के दौरान निकले पत्थर को शक्ति और आस्था स्वरूप देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है. बता दें कि धर्मशाला निर्माण के दौरान निकले पत्थर को पांच दिन तक लगातार प्रयास के बाद भी जेसीबी मशीन तोड़ नहीं पाई. जिसके बाद मंदिर समिति ने पत्थर को आस्था का केन्द्र बनाने का निर्णय लिया है.
ऋषेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह मेहता ने बताया कि मंदिर में गीता भवन धर्मशाला निर्माण के लिए समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है. जहां खुदाई के दौरान एक शक्ति स्वरूप पत्थर मिला. जिसे जेसीबी के ब्रेकर ने कई बार तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पत्थर नहीं टूटा. बल्कि कई बार जेसीबी मशीन खराब हो गई.
मंदिर के मठाधीश और मुख्य संरक्षक स्वामी मोहनानंद तीर्थ ने बताया कि धर्मशाला निर्माण पर वहां स्थान छोड़ दिया गया है. जिसे भविष्य में शक्ति स्वरूप के तौर पर पूजा जाएगा. उन्होंने बताया कि लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आ रहे हैं.