संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने शुक्रवार को कहा कि, भारत जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की दिशा में एक वैश्विक महाशक्ति (ग्लोबल सुपरपावर) के रूप में उभर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत संसाधनों की स्वच्छता की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है.
ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) के दरबारी सेठ मेमोरियल लेक्चर में COVID-19 प्रतिबंधों के चलते न्यूयॉर्क से वर्चुअली शामिल होते हुए उन्होंने कहा, “भारत यदि जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) के उपयोग से नवीकरणीय उर्जा (Renewalable Energy) पर अपने स्थानांतरण की गति को तेज कर देता है, तो वह जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर पाने की दिशा में सही मायनों में ग्लोबल सुपरपावर बन सकता है.”
भारत 2030 तक व्यवसाय का केंद्र बन सकता है
भारत के लिए एंटोनियो गुटेरेस का संदेश यही था कि देश में बिजली के उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने वाले प्लांट्स के विकास को रोककर इसके स्थान पर नवीकरणीय उर्जा के स्त्रोतों पर गौर फरमाया जाए, ताकि एक तो ग्लोबल वॉर्मिग और प्रदूषण की समस्या से लड़ने में मदद मिले और साथ ही आर्थिक दृष्टि से भी लाभ उठाया जा सके .
भारत के लिए वैश्विक भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत किफायती, भरोसेमंद, लंबे समय तक चलने वाले और आधुनिक उर्जा तक अपनी पहुंच को सुनिश्चित करने के साथ संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर हम सभी के लिए 2030 तक व्यवसाय का केंद्र बन सकता है.”
बिना प्रदूषण के स्वच्छता से खाना पकाने में भारत अग्रणी
गुटेरेस ने आगे कहा, “बात जब बिजली उत्पादन और बिना प्रदूषण के स्वच्छता से खाना पकाने की आती है, तो भारत इस मामले में अग्रणी रहा है. सौर उर्जा की मदद से भोजन बनाने की प्रक्रिया को घर-घर पहुंचाकर, प्रदूषण को कम करने के इस वैश्विक उपाय का प्रसार करना चाहिए. इसके लिए मैं भारत और यहां के सभी नवाचारियों, उद्यमियों और बिजनेस लीडर्स का आह्वान करता हूं.” उन्होंने दुनिया में सौर उर्जा को लाने में मदद करने की पहल के लिए नई दिल्ली की सराहना की.
गुटेरेस ने कहा, “मैं ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ के रूप में अंर्तराष्ट्रीय सौर गठबंधन को आगे लाने में भारत के फैसले की प्रशंसा करता हूं. मैं एक वर्ल्ड सोलर बैंक के लिए भी भारत की योजनाओं की तारीफ करता हूं, जिसके तहत आने वाले दशकों में सौर परियोजनाओं में सौ करोड़ डॉलर का निवेश किया जाएगा.” दरबारी सेठ, जिनके सम्मान में टेरी इस वार्षिक व्याख्यान को आयोजित करता है, वह इसके सह-संस्थापक रहे हैं. गुटेरेस ने उन्हें जलवायु परिवर्तन की दिशा में कार्रवाई करने के मामले में अग्रणी बताया.
भारत में नवीकरणीय उर्जा का इस्तेमाल 24 फीसदी हुआ
समारोह में गुटेरेस ने साल 2015 में 175 गीगावाट्स से 2030 तक 500 गीगावाट्स तक नवीकरणीय उर्जा की क्षमता के अपने लक्ष्य को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के फैसले का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा, “मैं यह देखकर काफी प्रेरित हुआ कि, महामारी के वक्त भारत में नवीकरणीय उर्जा के इस्तेमाल का अनुपात बढ़कर 17 फीसदी से 24 फीसदी तक हो गया. जबकि कोयले से प्राप्त ईंधन के इस्तेमाल में 77 फीसदी से 66 फीसदी तक कमी आ गई. यह जारी रहना चाहिए.”
एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि भारत नवीकरणीय उर्जा पर स्थानांतरण को प्राथमिकता दे रहा है. इससे अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय निवेशक इस ओर आकर्षित होंगे, जैसे कि कैसे डे डिपो एट प्लेसमेंट डु क्यूबेक या अबू धाबी निवेश प्राधिकरण जैसे संप्रभु धन निधि या पेंशन निधि. गुटेरेस ने कहा, “भारत में डालमिया सीमेंट और महिंद्रा जैसी कंपनियां इनोवेशन को बढ़ावा दे रही हैं. लेकिन और भी अधिक संगठनों के इस दिशा में आगे आने की ज़रूरत है.”