- एससीईआरटी एवं एसएलएमए के निदेशकों का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
देहरादून: उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत एससीईआरटी एवं एसएलएमए के निदेशकों का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हो गया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डाॅ धनसिंह रावत ने कहा कि हर एक व्यक्ति एक निरक्षर को साक्षर करने का संकल्प ले तो उत्तराखण्ड पूर्ण साक्षर राज्य के रूप में प्रदर्शन कर पायेगा।
उन्होने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य पूर्ण नशामुक्त तथा टीबी मुक्त राज्य के रूप में उत्तराखण्ड को पहचान दिलाना है।
कार्यक्रम की शुरूवात दीप प्रज्जवलन व शारदे वन्दना ’वारी जाहु तो ही’ चरण की प्रस्तुति के साथ हुई। सारदे वन्दना डाॅ ऊषा कटियार के द्वारा प्रस्तुत की गयी तथा पुष्पेन्द्र सिंह के द्वारा तबले पर संगत दी गई।
दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल, एनसीईआरटी नई दिल्ली से प्रो0 ऊषा शर्मा, डाॅ सान्त्वना मिश्रा एसोसिएट प्रोफेसर निपा, प्रदीप कुमार रावत, अपर निदेशक एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखण्ड, डायट कारगिल लदाख से मोहम्मद, एस0सी0ई0आर0टी0 पंजाब से सुरेन्द्र कुमार, श्रीमती नामते प्रवक्ता मिजोरम एस0सी0ई0आर0टी0, डाॅ रजनी सांख्यान प्राचार्य एस0सी0ई0आर0टी0 हिमाचल प्रदेश, डाॅ विजेन्द्र गौड़, एस0सी0ई0आर0टी0 हरियाणा ने भाग लिया।
निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत देश के विभिन्न राज्यों में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत चल रहे कार्यक्रमों की साझेदारी से सीखने को मिलेगा। सी0एन0सी0एल0(¼Center for Neumeracy and literacy) एन0सी0ई0आर0टी0 नई दिल्ली की प्रभारी प्रो. ऊषा शर्मा ने कहा कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम 15 साल या इससे ऊपर जो व्यक्ति किसी तरह पढ़ना लिखना सीख नहीं पाये उनकी सहायता करने का आह्वान है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान को महत्व देती है। इसलिए इस ज्ञान को प्राप्त करना सभी मनुष्यों का अधिकार है। इस कार्यक्रम के माध्यम से नवसाक्षरों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे डिजिटल साक्षरता, वित्तिय साक्षरता, विधिक जागरूकता, प्रर्यावरण आदि सभी घटकों से परिचित कराया जा रहा है। इसके लिए दृश्य श्रव्य सामग्री तथा प्राइमर बनाये जा चुके है। उच्च शिक्षा में असाक्षरो को पढ़ाने पर विद्यार्थियों को कुछ अंको का क्रैडिट दिया जाता है। वर्ष 2030 तक भारत के 140 करोड़ मे ये 18 करोड असाक्षर लोगो को साक्षर करने के लक्ष्य रखा गया है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा डाॅ मुकुल कुमार सती ने कहा कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी का योगदान जरूरी है। अपर निदेशक एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखण्ड प्रदीप कुमार रावत ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कहा कि उल्लास कार्यक्रम का अर्थ (Understanding of life long learning for all in society) है उन्होने आशा व्यक्त की यह कार्यक्रम अपने नाम के अनुरूप नव-साक्षरों को साक्षरता तथा अंक ज्ञान से परिचित कराने में सफल होगा।
डाॅ कृष्णानन्द बिजल्वाण सहायक निदेशक एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखण्ड ने कहा नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रति समाज में जागरूकता का प्रसार किया जाना अवाश्यक है। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डाॅ हरेन्द्र सिंह अधिकारी ने कहा कि उत्तराखण्ड में हरिद्वार ऊधमसिंह नगर, चम्पावत, टिहरी और उत्तरकाशी जनपदों में संचालित है। आगामी वर्षो में इसे अन्य जनपदो में भी लागू किया जायेगा। उदघाटन कार्यक्रम का संचालन डाॅ मोहन सिंह बिष्ट द्वारा किया गया। अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला ने कहा अधिक उम्र के लोगो को छोटे बच्चो के माध्यम से भी अक्षर और अंक ज्ञान दिया जा सकता है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम मे माध्यक से नव-साक्षरो में नेतृत्व की भावना का विकास किया जा सकता है। उदघाटन सत्र के बाद लदाख और पंजाब राज्य द्वारा किये जा रहे प्रयासों का प्रस्तुतिकरण किया गया। लदाख से संबंधित नवाचारी कार्यो का प्रस्तुतिकरण डायल कारगिल के उल्लास कार्यक्रम प्रभारी मौहम्मद तथा पंजाब के कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण पंजाब के उल्लास कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सुरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर चियर पर्सन के रूप मे पूर्व अपर निदेशक एस0सी0ई0आर0अी0 आशा रानी पैन्यूली ने कहा विकट भौगोलिक परिस्थिति होने के बाबजूद लदाख के द्वारा किय गये प्रयास महत्वपूर्ण है।
लदाख के नोडल अधिकारी मौहम्मद ने कहा 97 प्रतिशत साक्षरता प्राप्त करने के फलरूवरूप शिक्षा मंत्रालय में लदाख को पूर्ण सक्रिय साक्षरता का दर्जा दिया है। पंजाब के नोडल अधिकारी सुरेन्द्र कुमार तथा लखविन्दर ने बताया कि पंजाब में बी0.एड. करने वाले स्वयंसेवी विद्यार्थियों को अतिरिक्त अंक दिये जाते है। चियर पर्सन के रूप में पूर्व प्राचार्य डायद देहरादून राकेश जुगरान ने कहा कि डायट के प्रशिक्षुओं को स्वयंसेवी के रूप में योगदान एक अच्छा प्रयास है। उन्होने ’ले किताबे चल पढे है लोग मेरे गांव के गीत को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डायट रूड़की के प्राचार्य कैलाश डंगवाल के निर्देशन में साक्षरता का खुल कर उल्लास मनाओ गीत को प्रस्तुत किया गया। इस सत्र का संचालन मनोज बहुगुणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डायट टिहरी के डी0एल0एड0 प्रशिक्षु आशा भट्ट, सुनिति थापा, सीमा शर्मा, साक्षी पंवार, प्रवीन बिजल्वाण तथा पंकज राणा ने नव-साक्षरता पर आधारित गढ़वाली गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून बी0के0ढौडियाल, अजय कुमार नौडियाल, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, हेमलता भट्ट प्राचार्य डायट टिहरी, पदमेन्द्र सकलानी अपर निदेशक महानिदेशालय, शैलेन्द्र अमोली मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी, हिमानी बिष्ट, डाॅ अतुल कुमार श्रीवास्तव, किरन बहुखण्डी, शैलेष कुमार श्रीवास्तव, जगदीश सजवाण, प्रद्युम्न सिंह रावत, डाॅ राकेश गैरोला, डाॅ रमेश पंत, गंगा घुघतियाल, कामाक्षा मिश्रा, डाॅ शक्ति प्रसाद सैमल्टी, डाॅ रंजन भट्ट, मनोज कुमार शुक्ला, एस0पी0वर्मा, रमेश बडोनी, रजत छिब्बर, सौरभ जोशी, विनय उनियाल, दिनेश चैहान, आलोक प्रभा पाण्डेय, शालिनी गुप्ता, शुभ्रा सिंघल, रेनू कुकरेती, मनोज कुमार महर, नितिन कुमार, कामिनी, रविदर्शन तोपवाल, अरूण थपलियाल, अखिलेश डोभाल, डाॅ दीपक प्रताप सिंह, डाॅ अजय कुमार चैरसिया, भुवनेश्वर प्रसाद पंत, देवराज राणा, प्रवीण चन्द्र, नवीता भण्डारी, पुष्पा असवाल, सुनील भट्ट, डाॅ विनोद ध्यानी, विमल रावत, खुशहाल सिंह राणा, नीलम पंवार, सुधा पैन्यूली, प्रिया गुसाईं, अनुज्ञा पैन्यूली तथा आशा नकोटी प्रमुख रूप मौजूद रहे।
कौशलम् व्यवसाय सहयोग निधि’ ऑनलाइन वितरण कार्यक्रम
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखण्ड एवं सहयोगी संस्था उद्यम लर्निंग फाउंडेशन ने कौशलम् कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित 500 विद्यालयों को ‘कौशलम् व्यवसाय सहयोग निधि’ ऑनलाइन वितरण करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा अपनी गरिमामई उपस्थिति दी गई, उनके द्वारा बच्चों को चेक वितरित किए गए और डिजिटल माध्यम से धनराशि विद्यालयों को अंतरित की गई। उन्होंने अपने संबोधन में सभी बच्चों को 21वीं सदी के कौशलों के लिए तैयार होते हुए व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर जोर देने के लिए कहा गया।राज्य में वर्ष 2022-23 से माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों हेतु कौशलम् पाठ्यचर्या का संचालन किया जा रहा है। इस पाठ्यचर्या का उद्देश्य छात्रों में उद्यमिता की मानसिकता का विकास करना एवं उन्हें 21वीं सदी के कौशलों में दक्ष बनाना है ताकि छात्र शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् उद्यमिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित हो सके एवं राज्य में बेरोजगारी एवं पलायन की समस्या दूर करने में मदद मिल सके।
कौशलम कक्षा 11 के पाठ्यक्रम के साथ ‘कौशलम् व्यवसाय सहयोग निधि’ सम्मिलित करना उत्तराखंड के युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मेंटरशिप, फंडिंग और व्यावहारिक संसाधनों के संयोजन से यह पहल छात्रों और शिक्षकों को नवीन विचारों को धरातल पर क्रियान्वित करने का साहस देती है। सभी जनपदो में 500 विद्यालयों के लिए एक स्पष्ट संरचना, समावेशी जुड़ाव और समान अवसरों के साथ, इस कार्यक्रम में एक स्थायी उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की क्षमता है। उपरोक्त बिन्दुओं को ध्यान में रखकर एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के सहयोग से कौशलम् कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष से कक्षा 11 में उत्कृष्ट बिजनेस आइडिया में कार्य करने वाले 500 विद्यालयों को “व्यवसाय सहयोग निधि” प्रदान करने का विचार किया गया। कार्यक्रम में मंत्री के स्वागत भाषण के रूप में निदेशक एकेडमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल द्वारा कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा और कौशलम् कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत किया गया। अपर निदेशक एस सी ई आर टी प्रदीप कुमार रावत द्वारा कार्यक्रम की आवश्यकता, कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम का संचालन कौशलम् राज्य समन्वयक सुनील भट्ट ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अतिथि निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय नौटियाल,सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानंद बिजलवाण एवं उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के डायरेक्टर ऑपरेशन्स हरीश मनवानी, राज्य समन्वयक रोहित गुप्ता व अन्य सदस्य मौजूद थे।
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