पिथौरागढ़ (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड के दो सपूत फिर देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं। ये दोनों जवान कश्मीर के बारामुला के उड़ी सेक्टर में शहीद हुए हैं। दोनों पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले थे। उड़ी सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में पिथौरागढ़ जिले के दो जवान शहीद हो गए। शहीद होने वाले जवानों के नाम गोकर्ण सिंह और शंकर सिंह महरा हैं।
पाकिस्तानी सैनिकों के साथ गोलीबारी में जो जवान शहीद हुए हैं उनमें एक मुनस्यारी तहसील के नापड़ गांव का रहने वाला हवलदार था। चालीस साल के इस हवलदार का नाम गोकर्ण सिंह है, जबकि दूसरा जवान फौज में नायक क पद पर तैनात था। नायक पद पर तैनात जवान का नाम शंकर सिंह था और वो गंगोलीहाट के नाली गांव का रहने वाला था।
शुक्रवार को उड़ी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में दुश्मनों से लोहा लेते हुए दोनों ने देश के लिए शहादत दे दी। भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के पांच सैनिक भी ढेर हो गए। दो जवानों की शहादत से पिथौरागढ़ जिले में शोक की लहर है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग भारत मां के दोनों जांबाजों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 64 किमी दूर मुनस्यारी तहसील के ग्राम नापड़ निवासी गोकर्ण सिंह पुत्र गंगा सिंह जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में गोलीबारी में शहीद हो गए थे। ग्राम प्रधान नापड़ की सूचना के अनुसार शुक्रवार देर सायं इसकी जानकारी मिली। गोकर्ण सिंह 19 कुमाऊ में जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में तैनात थे। शहीद जवान की दो बच्चे हैं। उनका 17 वर्ष का लड़का और 15 वर्ष की लड़की है। शहीद का परिवार वर्तमान में बरेली में किराए पर रहता है। बच्चों की पढ़ाई के लिए परिवार बरेली में रह रहा था। परिवार गांव के लिए रवाना हो गया है। वहीं शंकर का पांच साल का बेटा है। दोनों की पार्थिंव देह रविवार तक उनके मूल गांव पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया सलाम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ 21 कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार गोकर्ण सिंह और नायक शंकर सिंह की शहादत को नमन किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर हमें अपने जवानों की शहादत पर गर्व है वहीं उन्हें खोने का दुख भी है। ईश्वर उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीदों के परिजनों को हर संभव मदद की जायेगी।