रुद्रप्रयाग (नेटवर्क 10 संवाददाता)। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की डोली भी अपनी शीतकालीन गद्दी पर विराजमान होने के लिए हिमालय की ओर रवाना हो गई है। आपको बता दें कि 20 मई को तुंगनाथ के कपाट खुलेंगे। शीतकालीन प्रवास के लिए भगवान तुंगनाथ मक्कूमठ से रवाना हुए हैं। पहले दिन उनकी डोली भूतनाथ मंदिर में पहुंची।
सोमवार को भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कडेय मंदिर मक्कूमठ में विधिवत पारंपरिक पूजा अर्चना की गई। आचार्य अजय मैठाणी ने बताया कि पंचाग पूजन के साथ महा रुद्राभिषेक किया गया और फिर भगवान तुंगनाथ की डोली की पूजा की गई। सुबह ठीक आठ बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूíतयों को डोली में विराजमान किया गया। इसके बाद उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार कर आरती की गई। 10 बजे भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली ने अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कडेय तीर्थ की तीन परिक्रमा की, इसके बाद डोली तुंगनाथ के लिए रवाना हुई।
आपको बता दें कि पौराणिक परंपरा के अनुसार प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गांव के मध्य स्थित भूतनाथ मंदिर में पहुंची। डोली यहीं रात्रि विश्राम करेगी। भगवान तुगनाथ की डोली का भूतनाथ मंदिर पहुंचने पर नये अनाज का भोग लगाकर विश्व कल्याण की कामना की गयी, भगवान को नए अनाज का भोग अíपत करने के बाद फिर से पूरी विधि विधान से भगवान सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया गया19 मई को भगवान की डोली चोपता पहुंची, यहां रात्रि विश्राम करने के बाद 20 मई को तुंगनाथ पहंचेगी, जहां दोहपर बारह बजे भगवान के कपाट खोल दिए जाएंगे।