देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार चाहती है कि राज्य में ग्लेशियर इंस्टीट्यूट खुले ताकि ग्लेशियरों का गहन अध्ययन किया जा सके और आपदाओं से निपटा जा सके। इस बारे में सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है। साथ ही दून, पंतनगर और हरिद्वार में उद्योगों को राहत देने के लिए तीन इनक्यूबेटर सेंटर खोलने का भी सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार को नीति आयोग की बोर्ड बैठक में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। इस दौरान राज्य के विकास का एजेंडा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने राज्य की जरूरतों पर चर्चा के साथ ही इस संदर्भ में किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
लगभग तीन मिनट के संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए केंद्रीय सहायतित योजनाओं की भूमिका के साथ पर्यावरणीय सेवाओं के योगदान का भी जिक्र किया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार सीमांत क्षेत्र विकास पर फोकस कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इससे संबंधित योजनाओं में अधिक सहयोग की अपेक्षा की। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि सीएम ने मुख्यरूप से आपदा से निपटने के लिये मजबूत तंत्र विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने राज्य में ग्लेशियर के खतरों से निपटने के लिए ग्लेशियर इंस्टिट्यूट की स्थापना करने का अनुरोध किया गया। इसके साथ ही राज्य में स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए तीन इनक्यूबेटर सेंटर खोलने की भी मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि इस वजह से राज्य के लिए विकास योजनाओं का क्रियान्वयन खासा मुश्किल हो रहा है। इस दौरान राज्य में डिजिटल कनेक्टिविटी व सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने, स्वरोजगार और पलायन रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी दी। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर सचिव नियोजन योगेंद्र यादव के साथ ही कई विभागों के अफसर मौजूद रहे।