टमाटर और बीन्स की बेमौसमी फसलें झुलसा रोग से हुई बर्बाद

नैनीताल (नेटवर्क 10 संवाददाता ) : टमाटर और बीन्स समेत कई बेमौसमी फसलें झुलसा रोग के चलते बर्बाद हो गई हैं. ये जिले के चाफी, पदमपुरी और अल्चोना गांव में देखने को मिला है. काश्तकारों का कहना है कि फसलों में इस तरह का रोग उन्होंने पहली बार देखा है. जानकारों की मानें तो ये नीमाटोट नाम का कीड़ा है जो टमाटर समेत कई बेमौसमी फसलों को झुलसाकर बर्बाद कर देता है.

नैनीताल के पदमपुरी, चाफी और अल्चोन गांव में बेमौसमी फसलों का खासा महत्व है. यहां के काश्तकार हर वर्ष बेमौसमी फसलों से काफी अच्छी आमदनी हासिल करते हैं. लेकिन इन दिनों इन गांवों में फसलें पूरी तरह से चौपट हो चुकी हैं. जिसने काश्तकारों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है. काश्तकारों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इस रहस्यमय बीमारी से अपनी फसलों को कैसे बचाएं?

चाफी गांव के काश्तकार मनमोहन सिंह मेहरा का कहना है कि पिछले साल उन्हें टमाटर से काफी अच्छी आमदनी हुई थी, लेकिन इस बार गांव में सभी फसल खराब हो गयी है. केवल टमाटर ही नही फसलों में ये झुलसा रोग सब्जियों में भी लगा है. काश्तकार बताते हैं कि पहले टमाटर पर काली टीकली आती थी, जिसे दवाइयों से ठीक कर दिया जाता था, लेकिन इस बार रहस्यमय रोग से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं.

कैसे हुई फसलें बर्बाद, विशेषज्ञों की जुबानी
कृषि और बागवानी से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो चाफी इलाके में हाइब्रिड प्रजाति के टमाटर पिछले एक दशक से लगातार उगाए जा रहे हैं. इससे काश्तकारों को उत्पादन तो बहुत होता है, लेकिन इसमें कोई न कोई बीमारी आ जाती है. इस बार नीमाटोट नाम के कीड़े ने फसलों पर हमला किया है. ये कीड़ा टमाटरों की जड़ पर हमला करता है. यहां वह अपने अंडे देता है और फिर ये पूरे टमाटर के पेड़ को सुखा देते हैं. इसे स्थानीय भाषा में झुलसा रोग कहते हैं.

वहीं, हल्द्वानी मंडी को हर बार बरसात के समय बड़ी मात्रा में चाफी इलाके से टमाटर की फसल पहुंचती है. समिति के अध्यक्ष मनोज शाह का कहना है कि अगर टमाटर की फसलों को नुकसान हो रहा है तो जल्द ही इसका समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी.

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