मुनस्यारी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कोरोनाकाल में उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों के लोग बेहद संवेदनशील और चिंतित दिखाई दे रहे हैं। अपने और दूसरों के बचाव के लिए पहाड़ों में रहने वाले लोग खुद ही फैसले ले रहे हैं। प्रदेश में भले ही अब देशभर के लोगों के लिए द्वार खुल गए हैं लेकिन पहाड़ों में गांवों में रहने वाले लोग बेहद चौकस हैं। उन्हें चिंता है कि अगर कोई भी संक्रमित व्यक्ति गांव में आ गया तो फिर स्थिति खराब हो सकती है। पहाड़ों में किस तरह लोग अपने गांवों की सीमाओं को सील कर रहे हैं इसके उदाहरण हम आपको पहले भी बताते आए हैं। इसी कड़ी में इस बार कुमाऊं मंडल के मुनस्यारी इलाके के तीन गांवों ने पांच दिन के लए लॉकडाउन की घोषणा की है।
इन तीनों गांवों के लोग सेल्फ लॉकडाउन में चले गए हैं। इन गांवों के ग्रामीण अगले पांच दिन तक न तो गांव से बाहर निकलेंगे और नहीं गांव में किसी को आने देंगे। इन तीनों गांवों के नाम हैं जलथ, जैती और दराती। तीनों गांवों के ग्रामीणों ने शुक्रवार को अपने-अपने गांवों में बैठक की। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में संक्रमित व्यक्ति पाए जाने के बाद अन्य लोगों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। इसे देखते हुए अब लोगों को खुद ही बचाव करना होगा। अगले पांच दिन तक गांव के लोग गांव से बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान किसी बाहरी व्यक्ति से कोई संपर्क नहीं रखा जाएगा। ग्रामीणों ने इस फैसले पर सर्वसम्मति जताई। ग्रामीणों की बैठक में तय हुआ कि इस फैसले का उल्लंघन करने वाले ग्रामीणों को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ेगा। सीमांत के कई अन्य गांव भी इस तरह के फैसले पर विचार कर रहे हैं।
दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद नाचनी बाजार एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। व्यापारियों ने तय किया है कि एक सप्ताह के बाद ही बाजार खोला जाएगा। व्यापारियों ने क्षेत्र में रैंडम सैंपलिंग कराए जाने की मांग की है।