भूस्खलन और हादसों के लिए जानलेवा हैं उत्तराखंड के ये 74 डेंजर जोन

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता ) : उत्तराखंड में मॉनसून हो या यात्रा सीजन चाहे कोई भी मौसम हो यहां सड़क हादसों का सिलसिला चलता रहता है. पहाड़ी इलाकों में होने वाले इन हादसों को रोका नहीं जा सका है. अगर आप उत्तराखंड आने का प्लान कर रहे हैं या फिर पहाड़ों में आप ड्राइव करने की इच्छा रखते हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देवभूमि में कौन-कौन से वो डेंजर जोन हैं, जहां पर आपको सावधानी के साथ गाड़ी चलानी पड़ेगी. आपकी जरा सी लापरवाही आपको और आपके साथ सफर कर रहे लोगों को खतरे में डाल सकती है.

आपदा प्रबंधन निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि मॉनसून सीजन के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन होना आम बात है. अगर कहीं एक जगह भूस्खलन होता है और वहां स्टेबल हो जाता है तो उस जगह पर हर बार भूस्खलन होता रहता है. इसकी जानकारी आमतौर पर स्थानीय लोगों को रहती है, लेकिन जहां अचानक भूस्खलन होता है या फिर किसी जगह पर पहली बार भूस्खलन होता है तो वहां ज्यादा नुकसान का खतरा रहता है. हालांकि, जब पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क बनाई जाती हैं तो उन्हें इस तरीके से बनाया जाता है कि जिससे भूस्खलन को रोका जा सके.

चारधाम रूट पर हैं 8 भूस्खलन जोन

वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण अभियंता ओम प्रकाश ने बताया कि चारधाम यात्रा रूट पर एनएच 58, एनएच 119 और एनएच 94 पर 8 जगहों पर चिन्हित लैंडस्लाइडिंग जोन हैं. इनमें मूल्यागांव, सिरोबगड़, लामबगड़, बांसबाड़ा, खाट, ओजरी, पीपलपानी और नंदगांव शामिल हैं. यहां पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी निरंतर इसकी मॉनिटरिंग करते रहते हैं. इसके साथ ही जिन जगहों पर हमेशा भूस्खलन होता रहा है, उन जगहों पर व्यवस्थाओं के अनुरूप, पहले ही जेसीबी खड़ी कर दी जाती है ताकि आने जाने वाले यात्रियों को कम परेशानियों का सामना करना पड़े.

प्रदेश भर में 74 भूस्खलन जोन किए गए हैं चिन्हित

  • उत्तरकाशी जिले में 11 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किये गए हैं जहां 5 जेसीबी मशीनें तैनात हैं.
  • टिहरी जिले में 10 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 10 जेसीबी मशीनें तैनात हैं.
  • चमोली जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 6 जेसीबी मशीनें तैनात हैं.
  • रुद्रप्रयाग जिले में 12 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 4 जेसीबी मशीनें तैनात हैं.
  • पौड़ी जिले में 1 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित है जहां एक भी जेसीबी मशीन तैनात नहीं है.
  • देहरादून जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 1 जेसीबी और एक डोजर मशीन तैनात की गई है.
  • पिथौरागढ़ जिले में 4 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 4 जेसीबी और 2 डोजर मशीनें तैनात की गई हैं.
  • चंपावत जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 6 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं.
  • बागेश्वर जिले में 2 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 2 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं.
  • नैनीताल जिले में 5 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 5 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं.
  • इसके साथ ही एडीबी में 1 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित है जहां 1 जेसीबी मशीन तैनात की गई है.
  • प्रदेश के अन्य एनएच पर 10 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं जहां 18 जेसीबी और 4 डोजर मशीनें तैनात की गई हैं.

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