देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति को लेकर इस बार एक अलग तरह का गीत सामने आया है। इस गीत को लिखा और गाया है पत्रकार डॉ अजय ढोंडियाल ने। गीत के बोल हैं, चल चल चल रे धामी बढ़ने चल। यानी धामी बढ़ते रहो। यूं तो राजनीतिक व्यवस्था और सत्ता को लेकर वक्त वक्त पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी समेत कुछ अन्य गायकों ने भी गीत गाये लेकिन वो तमाम गीत सत्ता या। मुखिया के खिलाफ ही गाये गए।
पूर्व में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने नारायण दत्त तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल में नौ छमी नरैणा गीत से खूब तहलका मचाया। इसके बाद उन्होंने रमेश पोखरियाल निशंक के वक्त गीत गाया जिसके बोल थे, अब कतगा खैलु, रिश्वत कु रैलु। इसके बाद भी गीत और जागर सत्ता के खिलाफ गाये जाते रहे हैं। वर्तमान में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने लोकतंत्र को खतरे में बताकर सरकार के खिलाफ गाना गाया है।
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इससे बीच पत्रकार और गायक डॉ अजय ढोंडियाल ने बिल्कुल अलग तरह की बात लिखकर गायी है। उन्होंने अपने गीत में लिखा है कि किस तरह उत्तराखंड को बार बार राजनीतिक तौर पर अस्थिर करने की कोशिश कुछ सत्ता पक्ष और विपक्ष के ही नेता करते रहते हैं।
आखिर इस राजनीतिक अस्थिरता से जन जन का ही नुकसान होता है। उन्होंने अपने गीत में तंत्र के भ्रष्टाचार पर भी वार किया है और संदेश दिया है कि जब सरकार सख्त जांच और कार्रवाई कर रही हो तो उसके रिजल्ट का इंतज़ार किया जाना चाहिए। बहरहाल उनका ये गीत सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।