अक्टूबर महीने में भी ब्रह्म कमल खिलने से गुलज़ार है बुग्यालों की वादियां

चमोली: उच्च हिमालय के उत्तरी क्षेत्रों में 15 सितंबर तक खिलने वाला ब्रह्म कमल इस बार अक्टूबर महीने में भी खिला हुआ है. समुद्र तल से 4,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जी विनायक, नंदी कुंड, पांडवसेरा आदि बुग्यालों में अभी भी हजारों की संख्या में ब्रह्म कमल खिले हुए हैं. हालांकि, इस सीजन की पहली बर्फबारी से ब्रह्म कमल के फूलों को नुकसान पहुंचा है, बावजूद उसके अभी भी नंदी कुंड के आसपास बड़ी संख्या में ब्रह्म कमल के फूल खिले हुए हैं.

अक्टूबर माह में भी खिला ब्रह्म कमल

कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों और ब्रह्म कमल के लिए संजीवनी का काम किया है. जो दुर्लभ प्रजाति के लिए शुभ संकेत है. इस बार बुग्यालों में मानवीय आवाजाही नहीं होने के कारण ब्रह्म कमल सहित अन्य जड़ी बूटियों का दोहन नहीं हो पाया.

चमोली

ब्रह्म कमल से गुलजार हुई वादियां

आम दिनों में ट्रैकिंग पर गए पर्यटक ब्रह्म कमल सहित अन्य जड़ी बूटियों या फूल पौधों को परिपक्व होने से पहले ही तोड़ देते थे, जिससे उसका बीज नहीं फैल पाता था. इस बार फूल पूरी तरह से पक चुके हैं और इसका बीज गिरने पर अगले वर्ष ब्रह्म कमल सहित अन्य फूलों की पैदावार बढ़ने की उम्मीद है.

केदारनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के परिणामों के अध्यन के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रो में जैव विविधता की जानकारी के लिए 5 सदस्यीय दल नंदी कुंड, पांडवसेरा, बंशी नारायण होते हुए उर्गम के रास्ते वापस लौटा था.

चमोली

दुर्लभ ब्रह्म कमल खिला.

जहां पर दल को दुर्लभ रेड फॉक्स सहित अन्य वनस्पतियां मिलीं, जिसका अध्यन किया जा रहा है. इसके साथ ही नंदी कुंड में सीजन की पहली बर्फवारी से भी दल का सामना हुआ. कुंड के आसपास इन दिनों भी ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *