Yamunotri Dham: उत्तराखंड के चार धामों में विशिष्ट महत्व रखनेवाले यमुनोत्री धाम के कपाट विधि- विधान से समारोह पूर्वक आज अपराह्न 12 बजकर 09 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां यमुना के जयकारे लगाए। यमुनोत्री धाम के कपाट पूजा-अर्चना व विधि विधान के साथ बंद किए गए। उल्लेखनीय है कि मां यमुना मृत्यु के देवता धर्मराज की बहिन हैं मां यमुना के दर्शन मात्र से प्राणियों में मृत्यु भय समाप्त हो जाता है।
बता दें कि आज सुबह 8.30 बजे खरसाली से यमुना के भाई सोमेश्वर (शनि) देवता की डोली यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। यमुनोत्री में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान के साथ अभिजित मुहूर्त पर दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद किए गए। यहां यमुना जी की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ तीर्थ पुरोहितों के गांव खरसाली लाया जाएगा। इस दौरान धाम में जिले की कई देव डोलियां मौजूद रहीं। अब शीतकाल में मां यमुना के दर्शन खरसाली (खुशीमठ) में होंगे।
इससे पहले अपनी बहन यमुना को लेने के लिए शनि देवता की डोली यमुनोत्री पहुंची। इस दौरान पूरा धाम मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा। बता दें कि बुधवार को गोवर्धन पूजा यानी अन्नकूट के पर्व पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए थे।
कपाटबंदी के बाद मां गंगा की डोली जयकारों के साथ शीतकालीन प्रवास मुखवा के लिए रवाना हुई। इस प्रकार अब तीन धामों के कपाट 6 महीने के लिए बंद हो चुके हैं। बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट अगले महीने 19 नवंबर को पूरे विधि विधान के साथ बंद किए जाएंगे।