गढ़वाल (नेटवर्क 10 ब्यूरो)
उत्तराखंड में सियासी तूफान आया और चला गया, लेकिन ये कहना गलत है। तूफान अभी बाकी है। सियासत में हलचल अब भी है। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की नारजगी बरकरार है। वे नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होते ही सबसे पहले बीजेपी दफ्तर से रुखसत हो गए।
अब नया सियासी खेल देखिए। आगे क्या होगा। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्हें 6 महीने के अंदर विधायकी का चुनाव लड़ना है और जीतना भी है। ऐसे में वे किस सीट से जीत सकते हैं? इकलौती उम्मीद पौड़ी जनपद की चौबट्टाखाल सीट है। तीरथ सिंह पहले भी चौबट्टाखाल से विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में चौबट्टाखाल सीट से सतपाल महाराज विधायक हैं।
अब नई सियासी खबर ये है कि सतपाल महाराज अपनी चौबट्टाखाल सीट को उपचुनाव के लिए नए मुख्यमंत्री के लिए छोड़ेंगे। तब सतपाल महाराज गढ़वाल लोकसभा सीट जिससे तीरथ सांसद हैं, चुनाव लड़ेंगे और लोकसभा पहुंचेंगे।
इसके अलावा एक और विधानसभा सीट पर साथ में ही उपचुनाव भी कराया जाना निश्चित है। ये सीट है कुमांऊ मंडल की सल्ट सीट। सल्ट सीट अल्मोड़ा जनपद के अंदर आती है। सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है। इस पर बीजेपी का कौन उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा ये तय नहीं हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता रणजीत सिंह रावत यहां से अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। इस सीट से ही रणजीत रावत विधायक रहे हैं।