एयर इंडिया के बाद एक और सरकारी कंपनी टाटा ग्रुप की कोई होने वाली है। सरकार ने सोमवार को नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) को टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स को बेचने की मंजूरी दे दी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 93.71% शेयरों के लिए टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स की उच्चतम बोली को मंजूरी दी है। सौदा करीब 12,100 करोड़ रुपए को होगा। एनआईएनएल चार सीपीएसई और ओडिशा सरकार के दो राज्य सार्वजनिक उपक्रमों का जॉइन्ट वेंचर है।
सरकार की कंपनी में इक्विटी नहीं
सरकार की कंपनी में कोई इक्विटी नहीं है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा है, सार्वजनिक उपक्रमों के बोर्ड के अनुरोध और ओडिशा सरकार की सहमति के आधार पर सीसीईए ने ‘सैद्धांतिक रूप से’ 8.1.2020 को एनआईएनएल के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी और लेनदेन करने के लिए विनिवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग को अधिकृत किया था। NINL 4 CPSE – MMTC, NMDC, BHEL, MECON और 2 ओडिशा सरकार के PSU – OMC और IPICOL का संयुक्त उद्यम है।
कंपनी के ऊपर भरी कर्ज और देनदारियां
एनआईएनएल का कलिंगनगर, ओडिशा में 1.1 एमटी की क्षमता वाला एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है। कंपनी भारी घाटे में चल रही है और संयंत्र 30 मार्च, 2020 से बंद है। कंपनी पर पिछले साल 31 मार्च को ₹6,600 करोड़ से अधिक का भारी कर्ज और देनदारियां हैं, जिसमें प्रमोटरों (₹4,116 करोड़), बैंकों (₹1,741 करोड़), अन्य लेनदारों और कर्मचारियों का भारी बकाया शामिल है। बयान में कहा गया है कि 31 मार्च 2021 तक कंपनी की संपत्ति नेगेटिव ₹3,487 करोड़ और संचित घाटा ₹4,228 करोड़ था। बयां में कहा गया है कि लेन-देन एक खुले बाजार, कंपनी के उद्यम मूल्य के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया गया, इसमें 31.3.2021 को कंपनी की देनदारियां और 6 बेचने वाले पीएसई शेयरधारकों द्वारा कंपनी की 93.71% इक्विटी शामिल है।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, “लेन-देन को मौजूदा परामर्शदात्री मल्टीलेयर निर्णय तंत्र-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया गया, इसमें अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी), विनिवेश पर सचिवों के कोर समूह (सीजीडी) और सशक्त वैकल्पिक तंत्र शामिल थे। अपनी कंपनियों OMC और IPICOL के साथ ओडिशा सरकार भी इसमें शामिल रही। इसमें इनकी 32.47% की हिस्सेदारी थी।