इरफान खान ने कैसे की थी एक्टिंग की शुरुआत, जानिए उनके बारे में बहुत कुछ

नेटवर्क 10 स्पेशल डेस्क:  54 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले और देश दुनिया को अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले इरफान खान के बारे में आप और कुछ भी जानना चाहते होंगे। अभिनिय की दुनिया के इस बादशाह ने एक्टिंग की शुरुआत जयपुर से की थी। उन्होंने अपने अभिनय के करियर की शुरुआत जयपुर के रवींद्र मंच से की थी।

देश के एक बड़े समाचार पत्र को दिए एक इंटरव्यू में इरफान ने बताया था, ‘मैं एक दिन रवींद्र मंच के ऑफिस में पहुंचा गया और वहां मौजूद लोगों से कहा कि मैं नाटक करना चाहता हूं। जवाब में उन्होंने कहा कि ये तो ऑफिस है। यहां नाटक नहीं होते। आप नाटक मंडली से मिलिए। फिर मैंने मंडली से संपर्क किया। यहीं से मेरा अभिनय का सफर शुरू हो गया।’  उन्होंने बताया कि मैंने पहला नाटक ‘जलते बदन’ किया था।

जयपुर में हुई इरफान खान की पढ़ाई

इरफान की शुरुआती पढ़ाई जयपुर में ही हुई। उन्होंने बताया था कि कुछ वक्त तो पढ़ने में मन लगा। बाद में सारा ध्यान अभिनय की तरफ हो गया।’ उनके साथी और रिश्तेदार बताते हैं कि वे बचपन से काफी शर्मीले थे। लेकिन बगावती फितरत उनके अंदर हमेशा रही। इरफान का जन्म जयपुर के एक कारोबारी पठान परिवार में हुआ था। मूलरूप से यह परिवार टोंक के पास एक गांव का रहने वाला है। जयपुर में नाटक की बारीकियां सीखने के बाद इरफान दिल्ली चले गए। दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग को निखारा। इसके बाद यहां से वे मुंबई चले गए।

एक अच्छे क्रिकेटर भी थे इरफान

इरफान को क्रिकेट खेलने का भी शौक था। वे जयपुर के चौगान स्टेडियम में क्रिकेट खेलने जाया करते थे। इसके चलते उनका चयन सीके नायडू ट्रॉफी के लिए भी हो गया था। इसके बावजूद उनके परिवार ने उन्हे क्रिकेट में करियर बनाने की इजाजत नहीं दी। फिर वे क्रिकेट से दूर होते चले गए और थिएटर से जुड़े।

इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुआ था एडमिशन

इरफान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पढ़ाई को लेकर उनके घर में हमेशा गंभीर माहौल रहा। जयपुर में शुरुआती पढ़ाई के लिए घर के नजदीकी सरकारी स्कूल में जाते थे, लेकिन मां चाहती थी कि वे इंग्लिश मीडियम स्कूल से बेहतरीन तालीम हासिल करें। उन्होंने बताया कि उनका कभी इंग्लिश से करीबी रिश्ता नहीं रहा, इसलिए लैंग्वेज समझने और बोलने में दिक्कतें होती थी। स्कूल में पहली बार इंग्लिश में सभी को बात करते देखा। इंग्लिश में बात नहीं कर पाने की वजह से अक्सर स्कूल में सजा मिलती थी।

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