देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत हमेशा अपनी तुनकमिजाजी और कड़े बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हरक सिंह रावत ने इस बार कहा कि उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत को जेल जाने से बचाया था। ये बात हरक सिंह रावत ने रविवार को कही। मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ संबंधों पर हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने त्रिवेंद्र को जेल जाने से बचाया था। कांग्रेस की सरकार के दौरान उनके पास कृषि मंत्रालय था। सरकार चाहती थी कि ढैंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र सिंह रावत को जेल भेजा जाए। उनके मन में त्रिवेंद्र सिंह के लिए एक साफ्ट कार्नर था, इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया।
हरक सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में कई और बातें भी कहीं। उन्होंने कहा कि उनकी किस्मत में मुख्यमंत्री बनना नहीं लिखा है। वर्ष 2012 में वह मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कैबिनेट मंत्री रावत ने वर्ष 2012 के किस्से को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस सरकार बनाने जा रही थी। उन्हें आनन-फानन दिल्ली बुलाया गया और कहा गया कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। देर रात अचानक परिदृश्य बदल गया। उनके पास फोन आया कि कभी-कभी मुंह के सामने खाने की थाली रखने के बाद भी निवाला नहीं खाया जाता। वह समझ गए और अगले दिन विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बन गए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में उन्होंने कांग्रेस इसलिए नहीं छोड़ी थी कि वह मंत्री बनें। उन्हें कहीं न कहीं यह उम्मीद थी कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हो पाया।