एक PCS अधिकारी के खिलाफ राज्य के PCS अधिकारियों ने खोला मोर्चा

देहरादून। उत्तराखंड प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) के अधिकारियों ने उत्तराखंड में एसडीएम के पद पर तैनात एक अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीसीएस एसोसिएशन का आरोप है कि उक्त अधिकारी का चयन राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद लखनऊ द्वारा नायाब तहसीलदार के पद पर हुआ था। उत्तराखंड का कार्मिक न होने के बावजूद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उनका चयन पीसीएस में किया। इससे अन्य पीसीएस अधिकारियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। एसोसिएशन ने इस पूरे प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को भी पत्र भेजे हैं। साथ ही उत्तराखंड प्रदेश सरकार से भी उक्त अधिकारी को कार्यमुक्त कर वापस उत्तर प्रदेश भेजने का अनुरोध किया है।

एसोसिएशन द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भारत सरकार ने वर्ष 2005 के आवंटन आदेश में वर्णित शर्तों और उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के प्रविधानों के विपरीत अपर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर जगदीश चंद्र कांडपाल उत्तराखंड में तैनात हैं। उत्तर प्रदेश में चयन के बाद उन्होंने उत्तराखंड में सेवा के लिए आवेदन किया था।

राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति देने के बाद उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने उन्हें उत्तरांचल राज्य में योगदान के लिए कार्यमुक्त कर दिया। वह 2002 में उत्तराखंड में तैनात हुए। अक्टूबर 2005 में केंद्र सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की जो सूची जारी की उसमें भी उनका नाम शामिल हो गया। इसी आधार पर उन्हें उत्तराखंड राज्य की नियंत्रणाधीन सेवा का अधिकारी माना गया जबकि यह गलत था। इस संबंध में पहले भी एसोसिएशन द्वारा शिकायत की गई।

तब केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यह कहा था कि कार्मिकों का अंतिम आवंटन राज्य सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों के आधार पर किया जाता है। यदि जगदीश कांडपाल नौ नवंबर 2000 के उपरांत सेवा में आए हैं तो वह पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत आवंटन के पात्र नहीं हैं।

यहां तक कि उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति न करने का निर्णय 29 अगस्त 2001 के शासनादेश से लिया है। इससे साफ है कि राज्य गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त कोई भी व्यक्ति न तो उत्तराखंड राज्य में आवंटित हो सकता है और न ही नियुक्त हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *