टिहरी की तीन सहकारी समितियों में हुई गड़बड़ी की होगी एसआईटी जांच

टिहरी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। जिले में लंबे समय से गड़बड़ चल रही तीन साधन सहकारी समितियों की SIT जांच के लिए जिला सहकारी बैंक के बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है. काश्तकारों के रुपयों को सुरक्षित और समितियों को एक्टिव रखने के लिए बोर्ड ने यह निर्णय लिया है. टिहरी की अधिकांश साधन सहकारी समितियों को ऑनलाइन किए जाने का कार्य चल रहा है. ऑनलाइन होने के बाद धांधलियां कम होने की उम्मीद जताई जा रही है.

जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सुभाष चंद रमोला की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बोर्ड बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि पिछले 10-15 सालों से जिले की 3 साधन सहकारी समितियों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं. समिति संचालकों को बार-बार हिदायत देने के बावजूद सुधार न आने पर बोर्ड ने भिलंगना ब्लॉक की मैगाधार, जाखाणीधार ब्लॉक की नेल्डा और सादणा साधन सहकारी समितियों की एसआईटी जांच कराने का प्रस्ताव पारित किया.

सदस्यों ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण काश्तकार एक-एक रुपये बचाकर समितियों में जमा करते हैं. ऐसे में काश्तकारों के पैसों को सुरक्षित रखने, उन्हें लाभांश देने और योजनाओं का फायदा देने की जिम्मेदारी भी समितियां की है. आरोप है कि समितियों में लेखा-जोखा, वित्तीय प्रबंधन, डॉक्यूमेंटेशन में गड़बड़ी की जा रही है.

बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि जिला सहकारी बैंक की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) 29 सितंबर को जिला मुख्यालय के बहुउद्देशीय हॉल में कराई जाएगी. बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करेंगे.

को-ऑपरेटिव बैंक: जिला सहकारी बैंक यानी को-ऑपरेटिव बैंक वह बैंक होता है, जहां पर गठन एवं कार्यकलाप सहकारिता के आधार पर होता है. उत्तराखंड में इसे जिला सहकारी बैंक के नाम से जाना जाता है. इनकी जिले के दूर-दराज के इलाके में साधन सहकारी समितियों बनी होती हैं. लोग इन सहकारी समितियों के माध्यम से अपनी पूंजी जमा कर सकते हैं और निकाल सकते हैं. लोगों को साधन सहकारी समितियां उधार भी देती हैं.

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