175 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. दरअसल, टॉप्स ग्रुप प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ दर्ज किए गए मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रताप सरनाईक को पूछताछ के लिए बुलाया था. इस पूछताछ को लेकर प्रताप सरनाईक ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाना चाहिए. शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक, उनके बेटे विहंग सरनाईक और बहनोई योगेश चंदेला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. उन्होंने मांग की थी कि उनके वकीलों की मौजूदगी में पूछताछ की जाए.
इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि टॉप्स ग्रूप मामले में ईडी द्वारा पूछताछ के दौरान वीडियोग्राफी और ऑडियोग्रॉफी की जाए. आपको बता दें कि विहंग सरनाईक को ईडी पांच बार समन भेज चुका है, जबकि प्रताप सरनाईक को तीन बार समन भेजा गया है. प्रताप सरनाईक को राहत गुरुवार की पेशी से एक दिन पहले मिली है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तीन याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा. ईडी ने टॉप्स ग्रूप मामले में पूर्व एमडी अमित चंदोले और एम शशिधरन को गिरफ्तार किया है. पिछले महीने ईडी के अधिकारियों ने प्रताप सरनाईक के आवास और कार्यालयों पर छापेमारी की थी.