देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में सात रोप वे बनाने के लिए केंद्र सरकार से करार किया है। रोपवे के लिए केंद्र से करार करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। रोप वे बनाने के लिए राजमार्ग मंत्रालय का नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड डीपीआर तैयार करेगा। इसके तहत केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, हेमकुंड साहिब रोपवे, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टाप तथा ऋषिकेश से नीलकंठ तक रोप वे बनाने का कार्य किया जाएगा। पर्यटन विकास परिषद इसमें नोडल विभाग की भूमिका में रहेगा।
रविवार को सचिवालय में मुख्य सचिव एसएस संधु की मौजूदगी में पर्यटन विकास परिषद की ओर से अपर सचिव और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत तथा परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि रोप वे निर्माण से यात्री प्रदूषण मुक्त सफर का आनंद ले सकेंगे। रोपवे के जरिये केदारनाथ, हेमकुंड जैसे धार्मिक स्थलों पर हर उम्र के तीर्थयात्री पहुंच सकेंगे।
अपर सचिव पर्यटन और अपर कार्यकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद युगल किशोर पंत ने बताया कि अब इन रोप वे के लिए रिक्वेस्ट फार प्रोपोजल (आरएफपी) जारी की जाएगी। इसके बाद इनकी डीपीआर तैयार होगी और फिर इनके निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन रोप वे को बनाने के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहयोग मिलेगा। वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के सात स्थानों पर रोप वे बनने से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सभी सात रोप वे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बनेंगे।इस मौके पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु, एनएचएलएमएल के चेयरमैन मनोज कुमार समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।