एंड्रॉयड फोन चलाते हैं तो आपके लिए चिंता बढ़ानेवाली खबर है. दरअसल फोन में लगनेवाली प्रोसेसर चिप्स में एक दो नहीं 400 खामियां पाई गई हैं, जिनकी वजह से दुनियाभर के 3 अरब (करीब 300 करोड़) लोगों का फोन डेटा और प्राइवेसी खतरे (Android smartphones data at risk) में पड़ गई है. चिंता की बात क्वॉलकम कंपनी (qualcomm chipset security flaws) की डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर (DSP) चिप्स को लेकर है.
क्वॉलकम चिप्स स्मार्टफोन बाजार के 40 प्रतिशत फोन्स में इस्तेमाल होती है. गूगल, सैमसंग, एलजी, शाओमी आदि कंपनियों के महंगे से महंगे और सस्ते से सस्ते फोन्स में क्वॉलकम चिप्स लगती हैं.
डेटा, माइक्रोफोन तक हैकर्स की पहुंच आसान
इन क्वॉलकम चिपों का अब टेस्ट हुआ. इसकी कोडिंग में 400 खामियां पाई गई हैं. इनकीम मदद से हैकर्स आसानी से किसी भी स्मार्टफोन को जासूसी (Android smartphones data at risk) के लिए इस्तेमाल कर सकते थे और यूजर को पता तक नहीं लगता. इतना ही नहीं खामियों की वजह से हैकर आसानी से यूजर के फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग, माइक्रोफोन, जीपीएस डेटा तक पहुंच बना सकता है.
इतना ही नहीं हैकर्स चाहें तो उन फोन्स को हैंग या फ्रीज भी कर सकते हैं. हैकर्स चाहें तो फोन में कुछ ऐसे मेलवेयर डाल सकते हैं जिससे उन्हें फोन से कभी निकाला ही नहीं जा सके. हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि हैकर्स इन फोन्स को किस तरह से हैक कर सकते हैं.
कमियां पता करनेवाली चेकपॉइंट की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने इसकी जानकारी संबंधित सरकारों और संबंधित मोबाइल कंपनियों को दे दी है. अब इसपर काम किया जा रहा है कि फोन को कैसे ज्यादा सुरक्षित बनाया जाए. चेकपॉइंट ने क्लॉकम को भी इसकी जानकारी दी है. उन्होंने 6 दिक्कतों को खत्म भी किया है. लेकिन बाकी कमियों को देर करने के लिए अभी मोबाइल कंपनियों को चीजें अपडेट करवानी होंगी.
फिलहाल खतरा सिर्फ एंड्रॉयड फोन्स को बताया गया है. क्योंकि ऐपल अपने फोन्स में अपनी खुद की बनाई चिप्स लगाता है. एंड्रॉयड में भी सिर्फ क्वॉलकम चिप्स वाले फोन्स को खतरा. एंड्रॉयड फोन्स में कई और चिपसेट भी लगते हैं.