IIT रुड़की में 1 करोड़ 5 लाख के कथित घोटाले को सामने लाने वाले मैनपाल शर्मा जो IIT रुड़की के ही पूर्व कर्मचारी हैं उन्होंने इस कथित घोटाले में पुलिस द्वारा शिकायत न दर्ज करने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले का जब मैनपाल शर्मा ने जिला अदालत के सामने खुलासा किया तो जिला अदालत ने पुलिस को FIR दर्ज करने को कहा. लेकिन पुलिस ने जब उसके बाद भी FIR दर्ज नहीं किया तो मैनपाल शर्मा हाईकोर्ट पहुंच गए. जिला अदालत ने 23 दिसंबर को एक करोड़ से ज्यादा सरकारी राशि के गबन मामले में IIT रुड़की के निदेशक समेत पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था.
नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक की एकल पीठ ने गुरुवार को मैनपाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य पुलिस से पूछा की उन्होंने जिला अदालत से आदेश मिलने के बाद भी FIR क्यों दर्ज नहीं की थी. कोर्ट के सवाल पर राज्य काउंसलर ने जवाब दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से दो दिन का समय मांगा है.
दरअसल SRIC कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक धीरज उपाध्याय पर इल्जाम है कि उन्होंने अवैध तरीके से डिपार्टमेंट के 1 करोड़ 5 लाख रुपये अपने निजी बैंक खाते में ट्रांसफर किए हैं. धीरज उपाध्याय ने कुल 13 बार ट्रांजेक्शन कर के पूरी रकम अपने अकाउंट में ट्रांसफर की है. इस मामले में उन पर विभागीय जांच भी चल रही है. मामले के सामने आने पर उन्हें फिलहाल के लिए निलंबित कर दिया गया है.