कृषि कानूनों (Farm Laws) से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा गया है. बता दें कि दायर याचिका में कृषि कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि यह राज्यों का मामला है और इसमें संसद कोई कानून पास नहीं कर सकती. इसपर केंद्र से जवाब मांगा गया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों तीन बिल जिसमें द फार्मर्स (एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस अश्योरेंस, द फॉर्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) शामिल हैं उन्हें पास करवाकर कानून बनाया है. इन तीनों को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
कृषि कानूनों के खिलाफ याचिका में क्या कहा गया
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका (Farm Laws Hearing in Supreme Court) में कहा गया है कि यह राज्यों का मामला है और इसमें संसद कोई कानून पास नहीं कर सकती. याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्यों से संबंधित मामलों में संसद के पास यह अधिकार नहीं है कि वह उन पर अपनी शक्ति लागू कर सके.
बता दें कि कृषि कानूनों के राज्यसभा में पेश होने के बाद से हंगामा जारी है. राज्यसभा में हंगामे के बीच बिल पास हो गए और फिर इन्हें राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी. विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस इनका विरोध कर रही है. हरियाणा और पंजाब के किसानों का एक तबका भी इसका विरोध कर रहा है, जो अबतक जारी है. दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि किसानों को विपक्ष भ्रमित कर रहा है.