शासन में अधिकारियों की कारस्तानी से मचा हड़कंप, वन विभाग में तबादलों का आदेश निरस्त

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता ): उत्तराखंड शासन के आदेश कई बार मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी हैरत में डाल देते हैं. ऐसा ही एक मामला वन विभाग में सामने आया है, जिसमें वन अधिकारियों के तबादलों को लेकर शासन की अधिकारियों ने ऐसी कारस्तानी की है कि मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री भी सकते में आ गए हैं. जानिए क्या है पूरा मामला…

transfer-order-canceled-in-uttarakhand-forest-department

तबादला आदेश सूची

उत्तराखंड में 2 दिन पहले ही वन विभाग में 37 अधिकारियों के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया गया. तबादला सूची में विभाग के शीर्षस्थ अधिकारियों से लेकर उप वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों के नाम शामिल थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि तबादला सूची के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वन विभाग के मंत्री हरक सिंह रावत की तरफ से जो सूची अनुमोदित की गई थी उसे जारी करने के बजाय शासन के अधिकारियों ने उस पूरी सूची को ही स्थानांतरण सूची के रूप में जारी कर दिया, जो विभाग की तरफ से प्रस्तावित की गई थी. प्रमुख सचिव आनंद वर्धन के हस्ताक्षर से 7 जुलाई को एक स्थानांतरण आदेश जारी हुआ. इसमें कुल 37 विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया. जबकि, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री ने केवल 22 अधिकारियों के ही तबादला करने का अनुमोदन किया था.

transfer-order-canceled-in-uttarakhand-forest-department

तबादला आदेश सूची

हालांकि, अब इस सूची के जारी होने को गलतफहमी का नाम दिया जा रहा है. मगर अब सवाल यह उठता है कि जब शासन के अधिकारी तबादला सूची को लेकर असमंजस में थे या उन्हें सूची को लेकर कोई जानकारी नहीं थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री या विभागीय कार्यालय से क्यों जानकारी दुरुस्त नहीं की.

यूं तो तबादला सूची में बिना अनुमोदन के रखे गए नामों वाले अधिकारियों के तबादलों को तत्काल निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इन दिनों वन विभाग में नौकरशाही को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव के तौर पर तैनात आईएफएस अधिकारी पराग मधुकर के आने के बाद वन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय में समन्वय बेहतर हुआ है. यही नहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और वन मंत्री हरक सिंह रावत के बीच आपसी तल्खी भी कम हुई है.

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वन विभाग में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए उन्हें पूरा समर्थन दे रहे हैं. सीएम उनकी तरफ से उठाए जाने वाली तमाम बातों को भी बेहतर तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं. हरक सिंह रावत भी पराग मधुकर के मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचने को इसकी वजह मानते हैं. खास बात यह है कि आईएफएस अधिकारी के मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचने से नौकरशाही में ही आपसी राजनीति होने को लेकर अंदेशा लगाया जाने लगा है. हरक सिंह रावत ने कहा वन विभाग में हुए यह तबादले प्रदेश में विभाग की बेहतर परफॉर्मेंस के लिए किए गए हैं. ऐसे में गैरजरूरी लोगों के तबादलों को निरस्त किया गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *