नैनीताल. उत्तराखंड के प्रवासियों के अपने घर लौटने से पहाड़ में अपराध में बढ़ोतरी होगी. यह हम नहीं बल्कि उत्तराखण्ड पुलिस मानकर चल रही है. कुमाऊं के आईजी अजय रौतेला ने आईजी कुमाऊं का चार्ज लेने के दौरान यह बात कही. गुरुवार को मण्डल मुख्यालय में चार्ज लेने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जो प्रवासी लौटे हैं अगर उनको रोज़गार नहीं मिला तो आने वाले दिनों में अपराध बढ़ेगा जो पुलिस के लिए चुनौती है. बता दें कि कोरोना वायरस, कोविड-19, संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड में चार लाख से ज़्यादा प्रवासी अपने घर लौटे हैं.
लाखों रोज़गार की चुनौती
कोरोना वायरस की वजह से अन्य राज्यों में काम करने वाले उत्तराखंड के प्रवासी भी बड़ी संख्या में बेरोज़गार हो गए हैं और मजबूरी में घर लौटे हैं. इनमें से बहुत सारे लोग और दूसरे राज्यों में धक्के नहीं खाना चाहते और अब यहीं काम करना चाहते हैं. इनके लिए प्रदेश में रोज़गार उपलब्ध करवाना बड़ी चुनौती है. राज्य सरकार इसे एक चुनौती के रूप में ले रही है और स्वरोज़गार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरु की हैं और पुरानी योजनाओं का प्रचार बढ़ाया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं और सारी जानकारी एक ही जगह उपलब्ध करवाने के लिए एक पोर्टल HOPE बनाया गया है. हालांकि अपराध बढ़ने की आशंका अभी तक किसी ने ज़ाहिर नहीं की थी.
कुमाऊं के आईजी का प्रभार संभालने के अजय रौतेला ने कहा कि रोज़गार न मिलने की स्थिति में ज़मीन विवाद के साथ अन्य अपराधों में बढ़ोतरी होने की आशंका है. इसके साथ ही सिडकुल में भी जो कर्मचारी अपने राज्यों को लौट गए हैं और जिन कर्मचारियों को आना है उनके पैसे के लेन-देने के विवाद के केस भी आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना के मामले बढ़ेंगे जिसके चलते अनलॉक के नियमों को लागू करा पाना भी और चुनौतीपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा कि वह सभी ज़िलों के एसएसपी से बात करेंगे और इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने के निर्देश देंगे.