- राजकीय महाविद्यालयों में शीघ्र होगी प्राचार्यों की तैनातीः डॉ. धन सिंह रावत
- तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को शीघ्र भरें विभागीय अधिकारी
- कहा, उच्च शिक्षा के लिये अलग से स्थापित होगा विद्या समीक्षा केन्द्र
देहरादून: सूबे के राजकीय महाविद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित न हो इसके लिये महाविद्यालयों में शत-प्रतिशत प्राचार्यों की तैनाती कर दी जायेगी। इसके साथ ही राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से रिक्त चल रहे तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों को भी शीघ्र भरा जायेगा, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये है। विद्यालयी शिक्षा विभाग की तर्ज पर उच्च शिक्षा विभाग का भी विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से निरंतर अनुश्रवण व मूल्यांकन किया जायेगा। इसके लिये पृथक से विद्या समीक्षा केन्द्र बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने आज यमुना कालोनी स्थित अपने शासकीय आवास पर उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा के अंतर्गत समस्त राजकीय महाविद्यालयों में शैक्षिक कार्य प्रभावित न हो इसके लिये सभी महाविद्यालयों में शीघ्र ही प्राचार्यों की तैनाती कर दी जायेगी। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि वर्तमान में सूबे के 7 राजकीय स्नातक महाविद्यालय जबकि 11 राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त हैं, जिनकी डीपीसी प्रक्रिया शासन स्तर पर पूरी कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों में मिनिस्ट्रीय संवर्ग के 391 रिक्त पदों को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से शीघ्र भरा जायेगा, जबकि चतुर्थ श्रेणी के लगभग 150 पदों को आउस सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दे दिये गये हैं। डा0 रावत ने बताया कि राजकीय महाविद्यालयों में विभिन्न संकायों के 455 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति का अधियाचन पूर्व में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भेजा गया है, जिस पर अंतिम चयन परिणाम आगामी तीन माह के भीतर आ जायेगा। जिसके उपरांत रिक्त पदों के सापेक्ष असिस्टेंट प्रोफेसरों को महाविद्यालयों में तैनाती दे दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि सूबे में विद्यालयी शिक्षा की भांति उच्च शिक्षा को भी विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत लाया जायेगा ताकि उच्च शिक्षा का निरंतर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कर शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि विद्या समीक्षा केन्द्र के लिये शिक्षा निदेशालय में अलग से भवन बनाया जायेगा, इसके निर्माण पर आने वाले खर्च का वहन दोनों विभागों द्वारा किया जायेगा। जिसकी सैद्धांतिक सहमति दोनों विभागों ने दे दी है।
उन्होंने बताया कि विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग को भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया जायेगा, जिसके अंतर्गत समस्त राजकीय महाविद्यालयों, अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से संबंधित आंकडे ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे, साथ ही विभागीय अधिकारी महाविद्यालयों की गतिविधियों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके अलावा अवस्थापन कार्यों की प्रगति एवं उपलब्ध संसाधनों से लेकर तमाम गतिविधियों की समीक्षा भी ऑनलाइन की जा सकेगी।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव उच्च शिक्षा एम.एम. सेमवाल, रूसा सलाहाकार प्रो0 एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, निदेशक उच्च शिक्षा डा. सी.डी. सूंठा, निदेशक माध्यमिक सीमा जौनसारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. ए.एस. उनियाल, अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा रामकृष्ण उनियाल, सहायक निदेशक उच्च शिक्षा डा. गोविंद पाठक सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।