मुंबई: टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार रात इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। 86 साल की उम्र में देश और दुनिया को अलविदा कहने वाले रतन टाटा को खराब स्वास्थ्य के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले ही उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने और खुद क स्वस्थ बताया था।
रात करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के हॉल में रखा जाएगा। यहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित हुए
रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था। उन्होंने 1962 में टाटा ग्रुप ज्वॉइन किया था। 1991 में उन्हें टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। भारत सरकार ने रतन टाटा को देश के दो सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये सम्मान उन्हें राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए दिया गया था।
सीएम धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने
उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर दुख व्यक्त किया है, उन्होंने X पर लिखा, कि भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊँचाइयों तक ले गई, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।