देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। ‘गीली आँखों और सूखी प्रार्थनाओं के बीच एक समंदर, एक सहरा और एक जज़ीरा है’, अपने हाल ही में प्रकाशित और काफी चर्चित हुए कविता-संकलन ‘प्रेम में पड़े रहना’ की ऐसी ही तमाम पंक्तियों के लिए विमर्शों के केंद्र में आ गईं कवयित्री रंजीता सिंह को मारवाह स्टूडियो, एशियन अकादमी ऑफ आर्ट्स की ओर से डॉ सरोजिनी नायडू इंटरनेशनल अवॉर्ड के लिए चयनित किया गया है।
रंजीता सिंह साहित्यिक मासिकी ‘कविकुंभ’ की संपादक एवं महिलाओं की अखिल भारतीय संस्था ‘बीइंग वुमन’ की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। रंजीता सिंह को फिल्म सिटी नोएडा के मारवाह स्टूडियो में एशियन अकादमी के चौथे तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल में 18 सितंबर की शाम 5.30 बजे डॉ सरोजिनी नायडू इंटरनेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अवॉर्डी रंजीता सिंह ने कहा है कि बचपन से जिस प्रख्यात शख्सियत सरोजिनी नायडू से प्रेरणा मिली, उनके ही नाम का सम्मान मिलना मेरे लिए गौरवपूर्ण और अविस्मरणीय है। इसके लिए उन्होंने अकादमी की चयन समिति के प्रति विनम्र आभार प्रकट किया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व गत वर्ष फिल्म सिटी नोएडा सैक्टर, 16A स्थित मारवाह स्टूडियो में पांचवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल-2019 के अंतर्गत तीन दिवसीय कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया गया था, जिसमें देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों और अतिथियों ने शिरकत की थी।
फेस्टिवल-2019 के अंतिम सेशन में दो राष्ट्रीय सम्मान का आयोजन किया गया। पहला सरोजनी नायडू लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड फॉर वर्किंग विमेंस और दूसरा अटल बिहारी वाजपेयी नेशनल अवार्ड फॉर आर्ट एंड कल्चर। इस कार्यक्रम में आये अतिथियों को ICMEI के प्रेसिडेंट संदीप मारवाह ने अवार्ड देकर सम्मानित करते हुए कहा कि हमें ऐसी ही प्रतिभाओं को सम्मानित कर उनके हौसलों को उड़ान देनी होगी। समापन कार्यक्रम में रोमानिया के भारत में राजदूत राडू ऑक्टेवियन डोबरे ने भी संदीप मारवाह के प्रयासों का सराहा था।