उत्तरकाशी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तरकाशी में इस बार गढ़वाली बोली में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। यह मंचन श्री आदर्श रामलीला समिति की ओर से किया जा रहा है। रामलीला के सभी छंद, चौपाई और संवाद गढ़वाली बोली में किया जा रहा है। यह दर्शकों को खूब आकर्षित कर रहा है। गढ़वाली बोली में रामलीला के साथ महिलाओं की पारंपरिक पोशाकों में लोक गीत और लोक नृत्य भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
रामलीला समिति के संरक्षक रमेश चौहान का कहना है कि आज जहां हमारी भावी पीढि़यां लगातार अपनी स्थानीय बोली से दूर होती जा रही हैं। इसीलिए भावी पीढ़ी को गढ़वाली बोली से जोड़ने के लिए रामलीला के सभी संवाद व छंद, चौपाई को गढ़वाली में पूरी तरह परिवर्तित करने का प्रयास किया गया है। आदर्श रामलीला समिति के संयोजक जयेंद्र पंवार ने बताया कि रामलीला को गढ़वाली में शुरू करने के लिए पांच कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। बताया गया कि गढ़वाली में इस पहले मंचन के बाद गढ़वाली बोली मे रामलीला की पुस्तक तैयार की जा रही है। जनवरी 2022 में इस पुस्तक का विमोचन किया जाएगा।