जयपुर, एजेसियां। राजस्थान में जारी सियासी रार के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल (CLP) की फेयरमोंट होटल में बैठक होने वाली है। बता दें कि गहलोत समर्थक विधायक इसी होटल में ठहरे हुए हैं। इससे पहले विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच पिछले 12 दिन से चल रहा टकराव आखिरकार बुधवार को खत्म हो गया। राज्यपाल ने विधानसभा का पांचवां सत्र आगामी 14 अगस्त से बुलाने के लिए अनुमति दे दी है।
राजभवन की तरफ से देर रात जारी बयान के मुताबिक राज्यपाल ने इस दौरान कोरोना के नियमों के पालन का मौखिक निर्देश दिया है। इससे पूर्व जारी बयान में राज्यपाल ने कहा था कि संविधान प्रजातंत्र की आत्मा है। नियमानुसार सदन आहूत करने पर कोई आपत्ति नहीं है।बुधवार को तीसरी बार कैबिनेट का प्रस्ताव लौटा देने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की। दोनों नेताओं ने राज्यपाल को विश्वास दिलाया कि कोरोना महामारी को लेकर उनकी चिंताओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
पायलट ने कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष को बधाई, मिला ये जवाब
कांग्रेस के बागी नेता और राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ने राजस्थान कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी और उम्मीद जताई कि दोस्तारा कार्यकर्ताओं का पूरा मान सम्मान रखेंगे। पायलट ने ट्वीट करके कहा,’ श्री गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर बधाई। मुझे उम्मीद है की आप बिना किसी दबाव या पक्षपात के उन कार्यकर्ताओं जिनकी की मेहनत से सरकार बनी है, उनका पूरा मान-सम्मान रखेंगे। डोटासरा ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘बहुत बहुत धन्यवाद सचिन जी। मुझे भी उम्मीद है कि आप भाजपा और खट्टर सरकार की मेहमानवाज़ी छोड़कर उन सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं जिनकी मेहनत से सरकार बनी है, उनके मान-सम्मान को बरक़रार रखने के लिए जयपुर आकर कांग्रेस सरकार के साथ खड़े होंगे।’
पायलट की जगह डोटासरा बने अध्यक्ष
बता दें कि पायलट और 19 बागी विधायकों के खिलाफ विधायक दल की बैठक में शामिल न होने पर पार्टी ने कार्रवाई की थी। पायलट को उप-मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। इसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। पार्टी ने अन्य विधायकों पर भी कार्रवाई की। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस भी जारी किया गया। विधायकों को अयोग्य ठहराने का मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।