देहरादून। Right To Information जिला कारागार में बंद कैदियों के आरटीआइ में अजीबोगरीब सूचनाएं मांगे जाने से जेल अधिकारी परेशान हैं। कोई कैदी जेल की कैंटीन के लाभ से लेकर चाय बनाने में प्रयुक्त सामग्री की जानकारी मांग रहा है तो कोई खेल और व्यायाम के नियमों के बारे में जानना चाहता है। एक कैदी ऐसा भी है, जिसने अपने एक्सरे के बाद दी गई दवा पर ही सवाल खड़े कर दिए।
लोक सूचनाधिकारी ने आवेदक कैदियों को मांगी गई जानकारी भेजी, मगर वे इसे भ्रामक करार देकर अपील में चले गए। विभागीय अपीलीय और जेल अधीक्षक ने अपील का निस्तारण कर दिया, पर इसके बाद कैदियों ने सूचना आयोग में अपील लगा दी। राज्य सूचना आयुक्त ने प्रकरण की सुनवाई कर अपील का निस्तारण किया, तब जाकर जेल अधिकारियों ने राहत की सांस ली। अभी भी आरटीआइ की तमाम अर्जियां लंबित हैं, जिन पर अधिकारी माथापच्ची कर रहे हैं। आइए हाल में सूचना आयोग में निस्तारित की गई तीन अपील पर नजर डालते हैं।
उन्होंने पाया कि कैदी का मत है कि जब उसे एम्स ऋषिकेश ले जाया गया, तो बिना एक्सरे व परामर्श के उसे दवाइयां क्यों दी गई। हालांकि, जेल अधिकारियों ने प्रमाण सहित यह बताया कि एक्सरे किया गया है और परामर्श के बाद आवश्यक दवाइयां भी दी गई। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कैदी के इलाज पर एम्स ऋषिकेश को एक लाख 60 हजार रुपये आरटीजीएस से भेजे गए हैं। आयोग ने भी जवाब को उपयुक्त पाते हुए अपील का निस्तारण कर दिया।