देहरादून: उत्तर प्रदेश के लखनऊ और इलाहाबाद की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सड़क किनारे नो पार्किंग स्थल पर चौपहिया वाहनों को खड़ा करना महंगा पड़ सकता है. क्योंकि पुलिस अब प्राइवेट क्रेन ( PPP mode) द्वारा भी ऐसे वाहनों को उठाकर एमवी एक्ट के तहत बड़ा चालान काटेगी.
प्राइवेट क्रेन द्वारा नो पार्किंग स्थल से वाहन उठाने की अनुमति मिलने के बाद ज्यादा संख्या में एमवी एक्ट में चालान काटा जा सकेगा. क्योंकि ट्रैफिक पुलिस के पास सीमित संख्या में क्रेन होने के कारण अभी तक नो पार्किंग स्थल से काफी कम संख्या में वाहन उठाए जाते हैं.
देहरादून की बात करें तो यहां सिर्फ 5 पुलिस की टो वाली क्रेन वर्तमान समय में काम कर रही है, लेकिन प्राइवेट क्रेन एजेंसी के आ जाने से अधिक से अधिक संख्या में नो पार्किंग स्थल के वाहनों को उठाकर चालान कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकेगा, जिसके चलते लंबे समय से बदहाल हो चुके ट्रैफिक अव्यवस्था पर लगाम लग सकेगी. वहीं एमवी एक्ट में चालान काटने से वाहन वाहन स्वामियों को चालान की धनराशि पहले से अधिक भुगतनी होगी.
दरअसल, अभी तक जहां ट्रैफिक पुलिस के सरकारी क्रेन द्वारा नो पार्किंग स्थल से वाहनों को उठाने का चालान के अलावा 950 प्रति वाहन का चार्ज करती थी. वहीं, प्राइवेट ट्रेनों द्वारा सड़क से वाहन उठाने का चार्ज प्रति गाड़ी 1500 ट्रैफिक पुलिस द्वारा वसूला जाएगा. नो पार्किंग स्थलों से गाड़ी उठाने के बाद जब वाहन स्वामी द्वारा चालान दिया जाएगा उस वक्त वाहन के एमबी एक्ट चालान के अलावा गाड़ी को टो करने के 1400 रुपए अलग से देने होंगे.
लोगों को मिलेगी सहूलियत
डीआईजी वहीं प्राइवेट क्रेन द्वारा नो पार्किंग स्थलों से वाहनों को उठाने के संबंध में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जिस तरह से तेजी से सड़कों पर वाहनों का वॉल्यूम दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. उसी क्रम में काफी लोग सड़कों पर नो पार्किंग स्थल पर वाहन खड़ा कर ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित करने में जुटे हैं. उसी अव्यवस्था पर लगाम लगाने के चलते प्राइवेट क्रेनों को इस्तेमाल कर नो पार्किंग स्थल से वाहनों को उठाकर चालान काटा जाएगा, ऐसे में अगर शासन से इस व्यवस्था पर अनुमति मिल जाती है तो ट्रैफिक सुधार और अव्यवस्थित पार्किंग को बेहतर बनाने में नई कार्ययोजना से काफी मदद मिलेगी.
यातायात को बनाया जाएगा बेहतर
वहीं, देहरादून एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र ने बताया कि वर्तमान स्थिति के अनुसार ट्रैफिक पुलिस के पास इतने पर्याप्त संसाधन नहीं है. ऐसे में अगर प्राइवेट क्रेन एजेंसी को इस्तेमाल करने की इजाजत मिल जाती है तो अधिक से अधिक नो पार्किंग स्थल की गाड़ियों को उठाया जा सकेगा. जिसके परिणाम स्वरूप यातायात को बेहतर बनाया जा सकेगा.