देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा. आज उत्तराखंड को पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 बड़ी परियोजनाओं का तोहफा दिया है. सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी नमामि गंगे मिशन के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बदरीनाथ के लिए 8 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इनमें दो अपग्रेडेशन एसटीपी भी शामिल हैं.
8 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में नमामि गंगे योजना के तहत बनकर तैयार हुए कई प्रोजेक्ट्स का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इन प्रोजेक्ट में हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी एसटीपी प्लांट, 27 एमएलडी का अपग्रेडेशन एसटीपी और सराय में 18 एमएलडी का एसटीपी प्लांट शामिल है. इनमें 27 एमएलडी का प्लांट जगजीतपुर और 18 एमएलडी का प्लांट सराय में स्थित हैं. यह दोनों पुराने प्लांट हैं, इन दोनों को अपग्रेड किया गया है. इन ट्रीटमेंट प्लांट्स से नदियों को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी. यह प्लांट शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए सुचारू रहेंगे.
देश का दूसरा कंप्यूटराइज्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
इसके अलावा पीएम मोदी चंडी घाट पर गंगा अवलोकन म्यूजियम, ऋषिकेश में लक्कड़ घाट पर 26 एमएलडी एसटीपी, चंदेश्वर नगर में 7.5 एमएलडी और मुनी की रेती में 5 एमएलडी एसटीपी, बदरीनाथ में 1 एमएलडी का लोकार्पण किया. बता दें कि पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट देश का दूसरा प्लांट है. इससे पहले हरिद्वार में इस तरह के प्लांट की शुरुआत हो चुकी है. लक्कड़घाट सीवर ट्रीटमेंट प्लांट देश का दूसरा ऐसा प्लांट है, जो कि पूरी तरह ऑटोमोड में संचालित होगा. प्लांट से ट्रीट किए गए पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा.
21 मीटर ऊंचा देश का पहला एसटीपी
पीएम मोदी ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में बने 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी लोकार्पण किया. ये एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है. 12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एसटीपी से चन्द्रेश्वर नाला, ढालवाला नाला व श्मशान घाट नाला के दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा. ये एसटीपी देश का पहला ऐसा एसटीपी है, जो मल्टी स्टोरी है और इसकी ऊंचाई 21 मीटर है. एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही पीएम ढालवाला चोर पानी में पांच एमएलडी के एसटीपी का भी लोकार्पण किया.
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की खासियत
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कई विशेषताएं हैं. इन ईको फ्रेंडली प्लांट से निकलने वाला पानी काफी साफ और सुथरा रहेगा. वहीं, ट्रीट पानी का सिंचाई में भी उपयोग हो सकेगा. यहां लगी स्क्रीन पर देखा जा सकेगा कि ट्रीट किए गए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा क्या है. पूरी तरह कंप्यूटराज्ड होने के कारण दिल्ली में बैठे अफसर भी इस प्रोजेक्ट के जल की गुणवत्ता की निगरानी कर सकेंगे. कंपनी प्लांट शुरू होने के बाद अगले 15 साल तक देखरेख और संचालन का काम करेगी.
सीएम ने पीएम को दी रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन 8 सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों का शुभारंभ किया है वो सभी नमामि गंगे की ओर से बनाए गए हैं. कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अपने विचार साझा किये. उसके बाद स्क्रीन पर नमामि गंगे की ओर से तैयार की गई शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई. इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री को कुंभ और नमामि गंगे परियोजना को लेकर प्रदेश में हो रहे कार्यों से अवगत कराया.