नैनीताल: बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग ने सभी को चिंतित किया है। नदियांं सूख रही है। ऐसे में इनको बचाने के प्रयास भी किए जाने लगे हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में शिप्रा नदी के पुनर्जीवन के साथ ही वन विभाग इसके आसपास के क्षेत्र को ईको ट्यूरिज्म से जोड़ने की योजना योजना पर काम शुरू हो गया है। जिसके लिए खाका तैयार कर पर्यटन क्षेत्र के अनुरूप विकसित करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। जल्द ही पर्यटक इस क्षेत्र में बर्ड वाचिंग ट्रैकिंग का आनंद ले पाएंगे। उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी भवाली के समीप अपने उदगम क्षेत्र श्यामखेत से निकलकर करीब 20 किमी का सफर तय करते हुए खैरना में कोसी से मिल जाती है। इस सफर में दर्जनों नाले इसे पानी की आपुर्ति करते है।
जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन अभियान में शिप्रा नदी को भी पुनर्जीवित किया जाना है। डीएफओ बीजू लाल टीआर ने बताया कि नदी के पुनर्जीवन के लिए इससे जुड़े भवाली सेनेटोरियम, भवाली, नागारी, श्यामखेत, सेलवाकांजा और निगलाट छह क्षेत्रो को कैचमेंट व रिचार्ज जोन के रूप ने चिन्हित किया गया है। जहां इन्फिल्टरेशन होल्स, चाल खाल, परकुलेशन टैंक, ड्राई स्टोन चेकडैम, जलकुंड और पिरूल चेकडैम का निर्माण और पौधारोपण किया जाना है। इन क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान को ईको ट्यूरिज्म से जोड़ने का विचार आया। जिसके बाद इसे पर्यटन के लिहाज से भी विकसित करने की योजना तैयार की गई। बताया कि योजना के तहत पुनर्जीवन कार्य तो किये ही जायेंगे साथ ही क्षेत्र के सुंदरीकरण और ट्रैकिंग मार्गो को भी विकसित किया जाएगा। सुंदरीकरण कार्य शुरू कर दिए गए है। जल्द काम पूरे कर लिए जाएंगे।
बर्ड वाचिंग के अनुरूप विकसित किया जाएगा जंगल
डीएफओ बीजुलाल टीआर ने बताया कि नदी के जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए वृहद स्तर पर पौधारोपण किया जाना है। जिसमें जलस्रोत रिचार्ज करने वाले पौधों के साथ ही स्थानीय प्रजातियों की झाड़ियों का रोपण किया जाएगा। जिससे जंगली जीवों और पक्षियों को अनुकूल आवास मिल सके। भविष्य में इन क्षेत्रों को बर्ड वाचिंग से जोड़ा जाएगा।
प्राकृतिक मार्गो को ट्रैकिंग मार्गो में किया जाएगा विकसित
बीजुलाल टीआर ने बताया कि शिप्रा कैचमेंट क्षेत्रों में पूर्व से ही वन विभाग और ग्रामीणों द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले कई मार्ग मौजूद है। इन मार्गो के आसपास सुंदरीकरण और अन्य कार्य कर ट्रैकिंग के लिए विकसित किया जाएगा।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
शिप्रा के कैचमेंट क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से इसका लाभ स्थानीय ग्रामीणों को भी मिल पायेगा। डीएफओ ने बताया कि ग्रामीणों को बर्डवाचिंग, ट्रैकिंग का प्रशिक्षण देने के बाद आसानी से रोजगार मुहैया कराने की योजना है।