‘यकुलांस’ यानि अकेला होना। अकेले होने का दर्द क्या होता है, ये जानना हो तो उत्तराखंड के खाली होते गांवों में एक चक्कर लगा आइए। कभी हंसी-ठिठोली से गूंजते इन गांवों में अब खौफनाक सन्नाटा पसरा है। रोजी-रोटी की तलाश में गांव के जवान शहरों में चले गए। खाली पड़े मकानों में अब दरख्त उग आए हैं, हर तरफ एक डराने वाली खामोशी पसरी है। पांडवाज प्रोडक्शन की शॉर्ट फिल्म ‘यकुलांस-द घोस्ट ऑफ विलेज’ उत्तराखंड की इसी हकीकत को बयां करती है।
बीते एक दशक के भीतर उत्तराखंड से पांच लाख से ज्यादा लोग पलायन कर गए हैं। जिससे पहाड़ में बसे 3,946 गांव घोस्ट विलेज बनकर रह गए हैं। यकुलांस इन्हीं गांवों में रह रहे एक बुजुर्ग शख्स की कहानी है। जो अकेलेपन में जीता हुआ अपने मवेशियों से बातें करता नजर आता है। पांडवाज प्रोडक्शन को उनके शानदार काम के लिए जाना जाता है। यकुलांस से भी ऐसी ही ढेरों उम्मीदें हैं।
फिल्म के संगीत निर्देशक हैं ईशान डोभाल, उन्होंने संगीत के माध्यम से हर भाव को छूने की कोशिश की है। फिल्म के गीतों को जगदंबा चमोला और दीपा बुग्याली ने अपनी भावपूर्ण आवाज से सजाया है। इस फइल्म के गीत को भी जगदंबा चमोला और प्रेम मोहन डोभाल ने लिखा है। घोस्ट विलेज में साउंड रिकॉर्डिंग एक चुनौती होती है, क्योंकि हर तरफ सन्नाटा पसरा होता है। इस मुश्किल को पांडवाज़ ने महसूस किया होगा। दामोदर हरि फाउंडेशन के बैनर तले बनी ये शॉर्ट फिल्म चमोली के एक घोस्ट विलेज में फिल्माई गई है। जो कि पांडवाज की टाइम मशीन सीरीज का पार्ट-4 है। फिल्म के राइटर डायरेक्टर कुणाल डोभाल हैं। म्यूजिक का जिम्मा ईशान डोभाल ने संभाला है। अब फिल्म से जुड़ी सबसे जरूरी बात जान लें। ‘यकुलांस’ 27 अगस्त को शाम 6 बजे सोशल मीडिया हैंडल्स पर रिलीज होगी। डेट और टाइम नोट कर लें और फिल्म जरूर देखें।