उत्तर प्रदेश के एटा जिले (Etah) के एक गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पाकिस्तानी महिला (Pakistani Woman) एक गांव की प्रधान बन गई और किसी को इस बात का पता भी नहीं चला कि वह पाकिस्तान की रहने वाली है. इतना ही नहीं, उस महिला ने फर्जी तरीकों से भारत में आधार और वोटर कार्ड भी बनवा लिए. मामले का खुलासा होते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन को बड़ा झटका लगा है. उन्होंने कहा कि आखिर महिला को चुनाव लड़ने के लिए आधार और वोटर कार्ड कैसे मिले.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की रहने वाली 65 वर्षीय बानो बेगम (Bano Begum) 35 साल पहले एटा के एक गांव में अपने रिश्तेदार के घर आई हुई थी. बाद में उसने एक स्थानीय युवक अख्तर अली से शादी कर ली. तब से वह लंबे समय से वीजा पर (Long term visa) एटा में ही रह रही थी, लेकिन अब तक उसे भारत की नागरिकता नहीं मिली थी.
2015 के पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की
साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में बानो बेगम ने भी चुनाव लड़ा, जिसमें वह जीत गई. इसके पांच साल बाद जनवरी में गांव प्रधान शहनाज बेगम का निधन हो गया, जिसके कुछ दिनों बाद कुछ राजनीतिक समीकरणों के चलते और ग्राम समिति की सिफारिश पर बानो को गांव के अंतरिम प्रधान (Interim Village Head) के पद पर बिठा दिया गया. पुलिस ने बताया कि बानो ने अपने वीजा को बढ़वाते हुए यहीं रहते-रहते ग्राम प्रधान के पद पर बैठ गई.
महिला के खिलाफ जांच के आदेश
गांव के एक स्थानीय नागरिक कुवैदन खान को महिला पर शक हुआ, उसने तुरंत इस बात की जानकारी पुलिस को दी कि बानो एक पाकिस्तानी नागरिक है. वहीं, पुलिस में शिकायत दर्ज होते ही बानो ने भी तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन जिला पंचायती राज अधिकारी (DPRO) आलोक प्रियदर्शी ने इस मामले को एटा के जिला मजिस्ट्रेट सुखलाल भारती के सामने उठाया, जिन्होंने महिला के खिलाफ FIR दर्ज कराने और जांच के आदेश दे दिए हैं.
महिला को कैसे मिला आधार कार्ड
DPRO ने कहा कि बानो बेगम के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर जांच में यह पाया गया है कि वह पाकिस्तान की नागरिक है. साथ ही उसने फर्जी तरीकों से भारत का वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी बनवा लिया है, जिसका खुलासा भी हो चुका है.
DM भारती ने कहा, “इस बात की जांच करने के आदेश दिए गए हैं कि ग्राम पंचायत का सदस्य बनने के लिए उस महिला ने चुनाव लड़ने के लिए आखिर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज कैसे हासिल किए. इसके पीछे जिसका भी हाथ है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.” वहीं, ग्राम सचिव ध्यानपाल सिंह, जिन्होंने बानो को ग्राम समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने और उसे अंतरिम प्रधान बनाने की सिफारिश की थी, उन्हें भी अपने पद से हटा दिया गया है.