उत्तराखंड: ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश मिला तो टीचर बोले- क्या हम क्वारंटाइन नहीं होंगे?

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। शिक्षकों को सरकार ने ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश दिया तो शिक्षकों ने साफ जवाब दिया कि अगर हम ड्यूटी पर जाते हैं तो क्या हम क्वारंटाइन नहीं होंगे। इसको लेकर अब शिक्षक संघ ने शिक्षकों का पक्ष लिया है। दरअसल लॉकडाउन शुरू होते ही शिक्षक अपने घरों को लौट आए थे। लेकिन अब उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करनी है तो वहां उनको 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना पड़ेगा। ऐसे में ड्यूटी कैसे होगी।

दरअसल संघ का कहना है कि शिक्षकों को क्वारंटीन ड्यूटी में रियायत के लिए सोमवार को संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला के नेतृत्व में शिक्षक नेताओं ने मुख्य सचिव कार्यालय में इस बाबत ज्ञापन दिया। संघ ने मांग की कि है जो शिक्षक वर्तमान में जिस क्षेत्र में उपलब्ध है, उसकी ड्यूटी उसी क्षेत्र में लगाई जाए। एक जिले से दूसरे जिले में अगर टीचर को बुलाया जाएगा तो उसे क्वारंटाइन होना पड़ेगा।

सोमवार को संघ प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर सचिवालय पहुंचे, लेकिन मुख्य सचिव से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। मुख्य सचिव कार्यालय में ज्ञापन रिसीव कराने के बाद संघ प्रतिनिधियों ने ननूरखेडा स्थित शिक्षा निदेशालय में निदेशक आरके कुंवर से मुलाकात की। संघ की तरफ से कहा गया है कि शिक्षक हर ड्यूटी के लिए तैयार हैं, लेकिन वर्तमान हालात में एक तकनीकी समस्या पैदा हो चुकी है। बोर्ड परीक्षा ड्यूटी में तैनात शिक्षक परीक्षा समाप्त होने पर अपने घरों को लौट गए थे।

शिक्षण संस्थाओं को बंद रखने के आदेश की वजह से शिक्षक अपने तैनाती स्थल पर नहीं रुके। जिन महिला कार्मिकों के बच्चे 10 साल से छोटे हैं और 55 साल से अधिक आयु के कार्मिकों को नहीं बुलाने के निर्देश हैं। अब जो हालात में उसमें एक जिले से दूसरे जिले में जाना काफी कठिन हो चुका है। 14 दिन के क्वारंटीन की अनिवार्यता की वजह से शिक्षकों को बुलाने का लाभ भी न मिल पाएगा। जब शिक्षक खुद ही क्वारंटीन होंगे तो भला उनसे काम कैसे लिया जा सकेगा।

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