चमोली (जितेंद्र पंवार की रिपोर्ट)। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 15 मई को खुलने हैं और कपाट खोलने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। चमोली के डिम्मर गांव स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर से गाडू घड़ा यात्रा आज जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में पहुंचेगी। इसके बाद कल यानि 13 मई को जोशीमठ से आदि शंकराचार्य की गद्दी के साथ ये गाड़ू घड़ा यात्रा पांडुकेश्वर के बदरी मंदिर के लिए रवाना होगी। 13 मई की सुबह नृसिंह मंदिर में गणेश पूजा, यात्रा मंगल पूजा व रावल की संकल्प पूजा होगी।
हर साल इस यात्रा में सैकड़ों की तादात में भक्त शामिल होते थे लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब इस यात्रा में सिर्फ नौ लोग शामिल होंगे। बताया गया है कि इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया में भी सिर्फ 27 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई है। इनमें रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी व पुजारी व अन्य होंगे।
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियान के मुताबिक धाम के कपाट 15 मई को ब्रह्ममुहूर्त में 4.30 बजे खोले जाने हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि 14 मई को गाडू घड़ा यात्रा और आदि शंकराचार्य की गद्दी बदरीधाम पहुंच जाएगी। इसके साथ गरुड़जी, भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी व देवताओं के साथ कुबेरजी की डोलियां बदरीनाथ धाम पहुंच जाएंगी।
इधर, बद्रीनाथ धाम के रास्तों को दुरुस्त किया जा रहा है। धाम में मंदिर के आसपास अभी बर्फ है और बर्फ हटाकर रास्ता साफ कर दिया गया है। बदरीनाथ के साकेत तिराहे तक वाहनों के लिए सड़क मार्ग खुला है।