नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल जिले से करीब 65 किमी दूर कैंची धाम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। विश्व प्रसिद्द कैंची धाम का स्थापना दिवस 15 जून को मनाया जाता है। लिहाजा 15 जून को भारी वाहनों को रोके जाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर समिति पुलिस और प्रशासन की बैठक के बाद भारी वाहनों को वाया भीमताल खुटानी के क्वारब और अल्मोड़ा की तरफ से आने वाले वाहनों को क्वारब से खुटानी भीमाताल भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि इस वर्ष डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु 15 जून को कैंची धाम के स्थापना दिवस पर पहुंच सकते हैं इसी को देखते हुए प्रशासन यातायात व पेयजल सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए तैयारियां शूरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही भवाली पालिका मैदान में पार्किंग बनाने के लिए कहा गया है।
बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबा हनुमान जी के अवतार थे। मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। नीम करौली बाबा या नीब करोरी बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में की जाती है। कैंची धाम के नीब करौरी बाबा की ख्याति विश्वभर में है।
हर साल 15 जून को कैंची धाम में एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। इसे दरअसल कैंची धाम स्थापना दिवस के रुप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था।
बाबा नीब करौरी आडंबरों से दूर रहते थे, न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं।
बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी हस्तियां तक इनके भक्तों में शामिल हैं।