देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। इस साल की पहली तिमाही में उत्तराखंड महंगाई के मामले में देश में 10वें स्थान पर है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े ये बोल रहे हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने हाल ही में पहली तिमाही में महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं। उत्तराखंड राज्य में महंगाई की दर 5.38 प्रतिशत के साथ देश में 10वें स्थान पर है। हिमाचल (6.99), जम्मू कश्मीर (7.65) आंध्रप्रदेश 7.16, हरियाणा (5.75), पंजाब (5.87), तमिलनाडु (6.22), तेलंगाना (7.92), कर्नाटक (6.91), मध्य प्रदेश (6.37 प्रतिशत) राज्यों में उत्तराखंड से अधिक महंगाई रही।
अगस्त 2020 में राज्य में महंगाई सूचकांक 152.5 था, जो अगस्त 21 में 160.7 रहा।
वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने पिछले दिनों वर्ष 2020 के बेरोजगारी की दर के आंकड़े जारी किए। जारी आंकड़े उत्तराखंड में बेरोजगारी बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में अप्रैल से जून 2020 में 26.8 फीसदी लोगों के रोजगार छिने। जुलाई से सितंबर में अनलॉक के हालात बनें तो बेरोजगारी दर घटकर 10.9 फीसदी रही। लेकिन इसके बाद अक्टूबर 2020 में यह बढ़कर 11.6 प्रतिशत हो गई। 2019 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी 2.3 प्रतिशत बढ़ गई। 22 राज्यों के सर्वे के आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट बता रही है कि बेरोजगारी दर में उत्तराखंड देश में नौवें स्थान पर था।
आज महंगाई और बेरोजगारी विपक्षी पार्टियों के लिए बड़े चुनावी हथियार बन गए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इन दोनों मुद्दों को लेकर प्रदेश सत्तारूढ़ भाजपा पर हमले बोलने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस ने रोजगार दो अभियान छेड़ दिया है। उधर, आम आदमी पार्टी भी दोनों मुद्दों पर आक्रामक है।
वहीं सरकार रोजगार के मुद्दे पर गंभीर है। 24 हजार सरकारी नौकरियों को खोला गया है। साढ़े चार साल में लाखों लोगों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा गया। महंगाई के बारे में कांग्रेस नौटंकी कर रही है। उसे पहले कांग्रेस शासित राज्यों में महंगाई और बेरोजगारी के बारे में सोचना चाहिए ये बयान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मीडिया को दिया है
जबकि – कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कह रहे हैं कि राज्य सरकार बेरोजगारी दर को माइनस में बता रही है। उसकी यही बात आने वाले चुनाव में उसे माइनस में ले जाएगी। प्रदेश का युवा आज रोजगार के लिए सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर है।
रोजगार दो, युवाओं को न्याय दो अभियान की शुरुआत पीएम मोदी के जन्मदिन पर इसलिए की गई, ताकि उनको याद दिलाया जा सके, उन्होंने उत्तराखंड और देश के युवाओं से रोजगार को लेकर क्या वादे किए थे।