ऑडियो टेप केस: गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी

(नेटवर्क 10 टीवी ): ऑडियो टेप मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी किया गया है. ऑडियो क्लिप के जरिए दावा किया गया है कि वो राजस्थान की सरकार का गिराने की साजिश में वो शामिल थे. हालांकि गजेंद्र सिंह शेखावत पहले ही कई बार कह चुके हैं कि ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है वो किसी और गजेंद्र सिंह की आवाज़ है.

मामले में SOG ने गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस शेखावत के दिल्ली आवास पर भेजा गया है, जिसमें पूछताछ के लिए शेखावत से समय मांगा गया है. गजेंद्र सिंह ने कहा है कि उन्हें SOG ने नोटिस जारी किया है, जो कि शनिवार को भेजा गया है. इस नोटिस में उनसे स्टेटमेंट रिकॉर्ड कराने का आग्रह समेत, पूछताछ के लिए समय और तारीख बताने की बात कही गई है.

पहले टेप की ऑथेंटिसिटी बताएं

शेखावत ने कहा है कि पहले टेप की ऑथेंटिसिटी बताई जाए कि SOG को ऑडियो क्लिप कहां से मिली, पहले टेप रिकॉर्डिंग की सत्यता की जांच की जानी चाहिए कि ऑडियो सही है या गलत. SOG को ये बताना चाहिए कि उन्होंने खुद रिकॉर्डिंग की है या उन्हें कही और से रिकॉर्डिंग मिली है. अगर इसे SOG ने खुद रिकॉर्ड किया है तो उन्हें ये बताना चाहिए कि ऐसा करते वक्त नियमों का पालन किया गया है या नहीं.

वहीं अशोक गहलोत का मानना है कि इस मामले में ये सब ऐसे यक्ष प्रश्न हैं जिनका जवाब केवल राजस्थान की SOG ही दे सकती है. बगैर उसके जवाब दिए ये पहेली ही बनी रहेगी.

वहीं दूसरी ओर TV9 भारतवर्ष को ये भी जानकारी मिली है कि उन्हें एसीबी की तरफ से नोटिस जारी किया गया है, जिसमें वॉइस सेम्पल दर्ज कराने की बात कही गई है. आपको बता दें कि कांग्रेस के निलंबित विधायक भंवर लाल शर्मा, विश्वेंद्र सिंह, संजय जैन और गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस टेस्टिंग के लिए एसीबी ने कोर्ट का रुख किया था.

ऑडियो टेप केस में हमलावर है कांग्रेस

ऑडियो टेप मामले को लेकर कांग्रेस सरकार रविवार को ही शेखावत पर हमलावर हो गई थी. अजय माकन ने BJP से पूछा कि शेखावत अभी तक केंद्रीय मंत्री क्यों बने हुए हैं और अपनी आवाज का नमूना देने से क्यों भाग रहे हैं, जबकि उनका नाम राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त से संबंधित आडियो क्लिप में आया है.

माकन ने सवाल किया, “क्या यह प्रधानमंत्री का नैतिक कर्तव्य नहीं है कि वह शेखावत को मंत्री पद से हटा दें, ताकि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच को प्रभावित न कर सकें? भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत उनके खिलाफ एक मामला दर्ज होने के बाद भी वह आखिर अपनी आवाज का नमूना देने से क्यों भाग रहे हैं?”

माकन ने कहा, “यदि वे बेगुनाह हैं तो उन्हें अपने आवाज के नमूने देने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “भाजपा इस मामले में क्यों कूद रही है और CBI जांच की धमकी दे रही है और राज्य में ED व IT के छापों की साजिश रच रही है? यह साबित करता है कि इसमें उनकी सांठगांठ है.”

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