सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि डिजिटल मीडिया (Digital Media) में 26% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने वाला नियम न्यूज एग्रीगेटर्स, न्यूज एजेंसी, समाचारों और वर्तमान मामलों के साथ-साथ वेबसाइटों, ऐप्स या अन्य प्लेटफार्मों के लिए भी लागू होगा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने कहा कि इन कंपनियों को इस स्पष्टीकरण के जारी होने के एक साल के भीतर अपनी एफडीआई निवेश को केंद्र सरकार की अनुमति के साथ 26 फीसदी तक करने की जरूरत है.
नियमों के मुताबिक कंपनी का सीईओ एक भारतीय होना चाहिए और सभी विदेशी कर्मचारी जो 60 दिन से ज्यादा से काम कर रहे हैं, उन्हें सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना होगा. सभी डिजिटल मीडिया न्यूज संस्थानों को एक वर्ष का समय दिया गया है ताकि वे शेयरहोल्डिंग की जरूरतों को पूरा कर सकें. 26 फीसदी एफडीआई केवल भारत में रजिस्टर्ड या स्थित संस्थानों पर ही लागू होगा.
विभाग ने कहा कि भारत में पंजीकृत और काम कर रही कुछ विशेष श्रेणी की भारतीय मीडिया इकाइयों में सरकार की मंजूरी से 26 फीसदी FDI निवेश की अनुमति होगी. इनमें वेबसाइट, ऐप, अन्य प्लेटफॉर्म पर न्यूज और डेली जानकारी अपलोड और स्ट्रीम करने वाली यूनिट्स, न्यूज एजेंसियां जो कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर डिजिटल मीडिया इकाइयों को समाचार प्रेषित करती हैं और न्यूज एग्रीगेटर्स शामिल हैं.
सरकार के लिए एक प्रमुख चिंता चीनी और विदेशी स्वामित्व वाली डिजिटल मीडिया आउटलेट की उपस्थिति थी जो इसका का अनुपालन नहीं करती थी. डेली हंट, हेलो, यूसी न्यूज, ओपेरा न्यूज और न्यूजडॉग जैसी कंपनियां विदेशी संस्थाओं द्वारा बहुसंख्यक स्वामित्व वाली प्रतीत होती हैं, जिनमें चीनी कंपनियां भी शामिल हैं.